आगरा। तहसील खेरागढ़ के ग्राम पंचायत खानपुर में सरकारी योजनाओं के लाभ के नाम पर बड़े पैमाने पर भ्रष्टाचार और लापरवाही का मामला सामने आया है। पांच जनवरी 2025, रविवार को, एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हुआ जिसमें दो आंगनवाड़ी कार्यकर्तियां, श्रीमती नंदश्री और श्रीमती विमलेश देवी, पोषाहार की अवैध बिक्री करते हुए नजर आ रही हैं। इस वीडियो में दोनों कार्यकर्तियां अपने पुत्रों के साथ बाइक पर पोषाहार ले जाते हुए साफ दिखाई दे रही हैं।
क्या है पोषाहार योजना?
पोषाहार योजना, जिसे सरकार गरीब बच्चों, गर्भवती महिलाओं और धात्री माताओं को नि:शुल्क प्रदान करती है, का मुख्य उद्देश्य उनका पोषण स्तर सुधारना है। इस पोषाहार में आमतौर पर खिचड़ी, आटे का बिस्कुट, दूध, दलिया जैसी चीजें होती हैं, जो शरीर को जरूरी पोषक तत्व प्रदान करती हैं। यह योजना समाज के आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग को लक्षित करती है ताकि वे बेहतर स्वास्थ्य प्राप्त कर सकें।
वायरल वीडियो और आरोप
वायरल वीडियो में दिखाया गया है कि आंगनवाड़ी कार्यकर्तियां अपने घरों से पोषाहार के पैकेट्स लेकर बाइक पर बैठी हैं, और उनके साथ उनके बेटे भी दिखाई दे रहे हैं। वीडियो में यह स्पष्ट है कि यह पोषाहार कहीं और ले जाया जा रहा है, जो कि सरकारी योजना के तहत जरूरतमंदों को दिया जाना था। इस वीडियो के बाद से क्षेत्रीय ग्रामीणों में आक्रोश फैल गया है, और उन्होंने इस घटना को लेकर गहरी नाराजगी जताई है।
ग्रामीणों का आरोप है कि ये दोनों कार्यकर्तियां लंबे समय से ऐसी गतिविधियों में लिप्त हैं, लेकिन अब तक इनकी अवैध हरकतों का कोई ठोस सबूत सामने नहीं आ पाया था। अब जब यह वीडियो सार्वजनिक हुआ है, तो स्थानीय लोगों का गुस्सा और बढ़ गया है।
ग्रामीणों का आक्रोश और मांग
ग्रामीणों का कहना है कि यह घटना न केवल सरकारी योजनाओं का दुरुपयोग है, बल्कि इससे गरीब और जरूरतमंदों का हक भी मारा जा रहा है। उनका यह भी कहना है कि यदि इस तरह की गतिविधियां लगातार जारी रहती हैं तो सरकारी योजनाओं की साख पर बट्टा लगेगा। उन्होंने जिला प्रशासन से मांग की है कि इस मामले की निष्पक्ष जांच हो और दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाए।
ग्रामीणों ने यह भी आरोप लगाया है कि इस तरह की घटनाओं पर अधिकारियों की चुप्पी भ्रष्टाचार को बढ़ावा देती है। यदि इस पर कार्रवाई नहीं होती है, तो अन्य आंगनवाड़ी कार्यकर्ता भी ऐसी गतिविधियों को जारी रखेंगे।
सरकारी योजनाओं की पारदर्शिता पर सवाल
यह घटना सरकारी योजनाओं की पारदर्शिता और प्रभावशीलता पर गंभीर सवाल खड़े करती है। जहां सरकार गरीबों के लिए पोषाहार योजना के माध्यम से उनके पोषण स्तर को सुधारने की कोशिश कर रही है, वहीं इस तरह की घटनाएं न केवल सरकारी योजनाओं को विफल करती हैं, बल्कि जरूरतमंदों को उनके अधिकार से वंचित भी कर रही हैं।
आंगनवाड़ी व्यवस्था में सुधार की आवश्यकता
यह मामला आंगनवाड़ी व्यवस्था में सुधार और पारदर्शिता की आवश्यकता को भी उजागर करता है। ग्रामीणों का कहना है कि सरकार को आंगनवाड़ी कार्यकर्तियों की गतिविधियों पर निगरानी रखनी चाहिए ताकि इस तरह की अवैध बिक्री की घटनाओं को रोका जा सके। साथ ही, उन्होंने आंगनवाड़ी व्यवस्था में सुधार और पूरी प्रक्रिया की पारदर्शिता की भी मांग की है।