आगरा: आयकर अधिनियमों के तहत स्रोत पर कटौती (TDS) के बारे में जानकारी का व्यापक प्रचार-प्रसार करने के उद्देश्य से, आयकर विभाग टीडीएस आगरा द्वारा एक कार्यशाला का आयोजन विकास भवन काकोर, औरैया जिला में किया गया.
कार्यशाला में भागीदारी
इस कार्यशाला में विभाग के सभी आहरण एवं वितरण अधिकारियों (Drawing and Disbursing Officers – DDOs) ने भाग लिया.
अध्यक्षता और आयोजन
कार्यक्रम की अध्यक्षता वरिष्ठ कोष अधिकारी श्री प्रदीप कुमार यादव द्वारा की गई. यह आउटरीच प्रोग्राम (Outreach Program) श्रीमती सुमन सेन, आयकर आयुक्त टीडीएस कानपुर, और श्री तरुण कुशवाह, अपर आयुक्त टीडीएस कानपुर के निर्देशों के अनुसार संयुक्त रूप से श्री बाला प्रसाद, आयकर अधिकारी, और श्री वरुण कुमार सरकार, आयकर अधिकारी द्वारा आयोजित किया गया था.
कार्यशाला में दी गई जानकारी
कार्यशाला में आयकर अधिनियम के विभिन्न प्रावधानों की जानकारी देते हुए, टीडीएस (स्रोत पर कर कटौती) और टीसीएस (स्रोत पर कर संग्रह) के संबंध में विस्तार से जानकारी दी गई. स्रोत पर आयकर की कटौती और स्रोत पर कर संग्रह के प्रावधानों का विशेष रूप से उल्लेख किया गया.
आयकर अधिकारी का संदेश
आयकर अधिकारी श्री बाला प्रसाद ने जिले के सभी आहरण एवं वितरण अधिकारियों को निर्धारित दरों पर टीडीएस और टीसीएस की कटौती करने की जानकारी दी और साथ ही उसे समय से सरकारी कोष में जमा करने का अनुरोध भी किया.
टीडीएस और टीसीएस क्या हैं?
- टीडीएस (स्रोत पर कर कटौती): टीडीएस एक प्रत्यक्ष कर है जो आय के स्रोत पर ही काट लिया जाता है. जब कोई व्यक्ति किसी अन्य व्यक्ति को कुछ प्रकार के भुगतान करता है (जैसे वेतन, ब्याज, कमीशन आदि), तो भुगतानकर्ता को भुगतान करने से पहले उस पर लागू टैक्स काटकर सरकार को जमा करना होता है.
- टीसीएस (स्रोत पर कर संग्रह): टीसीएस भी एक प्रकार का कर है जो कुछ विशिष्ट वस्तुओं की बिक्री के समय विक्रेता द्वारा खरीदार से वसूला जाता है और फिर सरकार को जमा किया जाता है.
कार्यशाला का महत्व
यह कार्यशाला आहरण एवं वितरण अधिकारियों के लिए बहुत महत्वपूर्ण थी, क्योंकि इससे उन्हें टीडीएस और टीसीएस से संबंधित नवीनतम नियमों और प्रावधानों की जानकारी मिली. समय पर और सही तरीके से टीडीएस और टीसीएस की कटौती और जमा सुनिश्चित करना कानून का पालन करने और किसी भी जुर्माने से बचने के लिए आवश्यक है.