आगरा। सहकारिता विभाग के कथित घोटाले में लिप्त अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई न होने से किसान नेताओं का गुस्सा बढ़ता जा रहा है। जिला अस्पताल में भर्ती किसान नेताओं को डॉक्टर्स द्वारा इलाज से मना करने के बावजूद वे सीधे विकास भवन पर धरने पर बैठे किसानों के पास पहुंच गए। इस घटना ने प्रशासन और स्वास्थ्य विभाग की कार्यशैली पर सवाल खड़े कर दिए हैं।
किसान नेता चौधरी दिलीप सिंह, जो कि गंभीर रूप से बीमार थे, उन्होंने चिकित्सकों के मना करने के बाद भी अस्पताल को छोड़कर धरना स्थल पर पहुंचने का निर्णय लिया। उन्होंने आरोप लगाया कि जिला प्रशासन और पुलिस प्रशासन की कार्य प्रणाली से दोषियों को बचाया जा रहा है। उनका कहना था कि सहकारिता विभाग के भ्रष्ट अधिकारियों के खिलाफ कानूनी कार्यवाही की बजाय उन्हें बचाया जा रहा है। इस दौरान उन्होंने यह भी कहा कि यदि इन भ्रष्ट अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई के लिए उन्हें अपनी जान की आहुति देनी पड़ी, तो वे पीछे नहीं हटेंगे।
धरने पर बैठे किसान नेताओं की स्थिति में सुधार न होते हुए भी वे इस भ्रष्टाचार के खिलाफ अपनी लड़ाई को जारी रखने के लिए अडिग थे। उनके मुताबिक, सहकारिता विभाग के 21 गोदामों के निर्माण में भारी अनियमितता बरती गई है, जिससे राज्य को लगभग 4 करोड़ 12 लाख रुपये का नुकसान हुआ है।
किसान नेताओं का प्रतिनिधिमंडल अपर आयुक्त से मिला
किसान नेता डॉ. रामेश्वर सिंह चौधरी और चौधरी दिलीप सिंह की अगुवाई में किसानों का एक प्रतिनिधिमंडल मण्डलायुक्त कार्यालय में अपर आयुक्त कंचन सरन से मिला। उन्होंने इस घोटाले से संबंधित सबूत प्रस्तुत किए और प्रशासन से कार्रवाई की मांग की। किसानों ने मण्डलायुक्त को सूचित किया कि सहकारिता विभाग के अधिकारियों ने अनियमितता कर राज्य के खजाने को नुकसान पहुँचाया है।
अपर आयुक्त कंचन सरन ने मामले को गंभीरता से लिया और आश्वासन दिया कि मामले को मण्डलायुक्त के संज्ञान में लाकर पुलिस व जिला प्रशासन से सख्त कार्रवाई कराई जाएगी। उन्होंने यह भी कहा कि दोषियों को बख्शा नहीं जाएगा और दोषियों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।
किसानों की स्थिरता और प्रशासन की लापरवाही
धरना स्थल पर जमा किसानों का कहना है कि प्रशासन ने हमेशा किसानों की जायज मांगों को नजरअंदाज किया है। डॉ. रामेश्वर सिंह ने कहा कि यह समय है जब प्रशासन को किसानों की परेशानियों और मांगों को गंभीरता से समझना चाहिए और भ्रष्ट अधिकारियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करनी चाहिए।
धरने में शामिल किसान नेताओं ने यह भी कहा कि सहकारिता विभाग के भ्रष्ट अधिकारियों के खिलाफ उनकी लड़ाई तब तक जारी रहेगी जब तक वे न्याय प्राप्त नहीं कर लेते। किसानों ने यह भी कहा कि इस संघर्ष को बल देने के लिए वे अपनी पूरी शक्ति लगा देंगे, क्योंकि यह केवल उनकी खुद की लड़ाई नहीं है, बल्कि पूरे किसान समुदाय के हित की लड़ाई है।
किसान नेताओं की उपस्थिति
धरने में किसान नेता अर्जुन सिंह छोकर, विजेंद, श्यामवीर सिंह सरपंच, चौ. करतार सिंह, योगी पंडित सभासद, सूरज पाल सिंह, वीरेंद्र सिंह, नाथूराम, रामनिवास, देशराज मुखिया, पप्पू भगत, परवीन, लीला, चखन लाल, रामू चौधरी, प्रदीप शर्मा पूर्व प्रधान, बाबूलाल, रणवीर सिंह, कुलदीप रावत सहित कई अन्य नेता मौजूद रहे।