आगरा, उत्तर प्रदेश: आगरा में पुलिस की लापरवाही को लेकर उच्च न्यायालय ने सख्त रुख अपनाया है। दरअसल, आगरा पुलिस ने एक मामले में झूठी रिपोर्ट पेश की थी, जिस पर हाईकोर्ट ने नाराजगी जताई और पुलिस कमिश्नर को तुरंत पेश होने का आदेश दिया। इस घटना के बाद पुलिस कमिश्नर को अदालत में पेश होने के लिए प्रयागराज से तुंरत आगरा के लिए रवाना होना पड़ा। इस मामले में उच्च न्यायालय ने स्पष्ट चेतावनी दी है कि यदि पुलिस कमिश्नर आज ही अदालत में नहीं पहुंचे, तो कड़ी कार्रवाई की जाएगी।
यह पूरा मामला सदर थाना से जुड़ा है, जहां एक व्यक्ति अंकुर शर्मा ने मनोज नामक व्यक्ति के खिलाफ NIA एक्ट (चेक संबंधी) के तहत केस दायर किया था। इस मामले में कई बार आगरा पुलिस को वारंट जारी किए गए थे, लेकिन पुलिस ने उन वारंटों को तामील करने में कोई कार्रवाई नहीं की। इस लापरवाही के कारण अंकुर शर्मा ने हाईकोर्ट में याचिका दायर की, जिसमें उन्होंने आगरा पुलिस के खिलाफ कार्रवाई की मांग की।
आगरा पुलिस का झूठ पकड़ा गया
हाईकोर्ट ने इस मामले में आगरा पुलिस से जवाब मांगा था। पुलिस ने उच्च न्यायालय को यह जानकारी दी कि उन्हें वारंट प्राप्त नहीं हुए थे, लेकिन जब उच्च न्यायालय ने आगरा न्यायालय से रिपोर्ट मांगी तो यह साफ हुआ कि पुलिस ने गलत जानकारी दी थी। आगरा न्यायालय से प्राप्त रिपोर्ट में यह पुष्टि हुई कि वारंट और गैर जमानती वारंट पहले ही भेजे जा चुके थे। इस पर उच्च न्यायालय ने कड़ी नाराजगी जताई और पुलिस कमिश्नर को तलब किया।
पुलिस कमिश्नर का लापरवाह रवैया
हाईकोर्ट ने आगरा पुलिस कमिश्नर को शुक्रवार को तत्काल अदालत में पेश होने का आदेश दिया। हालांकि, पुलिस कमिश्नर ने अपनी जगह एडिशनल पुलिस कमिश्नर संजीव त्यागी को भेजा। सुबह 10:00 बजे एडिशनल पुलिस कमिश्नर उच्च न्यायालय में पेश हुए, लेकिन वहां के न्यायमूर्ति ने कड़ा ऐतराज जताते हुए कहा कि “आप पुलिस कमिश्नर नहीं हैं, आप कैसे आ गए? बुलाया तो पुलिस कमिश्नर को था, क्या पुलिस कमिश्नर अभी भी गंभीर नहीं हैं?”
न्यायमूर्ति ने पुलिस कमिश्नर को तत्काल पेश होने का आदेश दिया और कहा कि यदि आज पुलिस कमिश्नर नहीं आए तो कड़ी कार्रवाई की जाएगी।
पुलिस कमिश्नर की तत्परता
हाईकोर्ट के इस सख्त रुख के बाद एडिशनल पुलिस कमिश्नर ने पुलिस कमिश्नर जे रविंद्र गौड़ को फोन कर पूरी स्थिति से अवगत कराया। इसके बाद, पुलिस कमिश्नर ने तुरंत प्रयागराज से आगरा के लिए रवाना हो गए। करीब 3:30 बजे पुलिस कमिश्नर हाईकोर्ट में पेश हुए, जहां उन्होंने अदालत में अपनी मौजूदगी दर्ज कराई।
पुलिस की कार्रवाई और निलंबन
वहीं, पुलिस कमिश्नर ने इस मामले में लापरवाही बरतने वाले सदर थाने के इंसपेक्टर प्रदीप कुमार, पूर्व चौकी प्रभारी सीओडी सोनू कुमार, और दो कांस्टेबल को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया। इस कार्रवाई से यह स्पष्ट होता है कि पुलिस कमिश्नर इस मामले में गंभीर थे और दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करने के लिए तत्पर थे।