आगरा : आगरा के पेठा व्यापारियों ने एक बार फिर अपनी समाज सेवा की मिसाल पेश करते हुए, मकर संक्रांति के अवसर पर प्रयागराज कुंभ में प्रसाद वितरण के लिए 56 प्रकार के पेठे भेजे। यह कदम व्यापार मंडल के आव्हान पर उठाया गया है और इस अवसर पर आगरा के व्यापारी संगठनों ने एकजुट होकर प्रयागराज के महाकुंभ को विशेष बनाने की पहल की है।
प्रयागराज कुंभ 2025 को कचरा मुक्त बनाने का संकल्प
इस आयोजन का एक प्रमुख उद्देश्य प्रयागराज महाकुंभ 2025 को कचरा मुक्त बनाना भी है। इसके लिए राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ (आरएसएस) के प्राण यज्ञ में भाग लेते हुए, आगरा के व्यापारिक संगठनों ने इस नेक कार्य में सहभागिता की है। व्यापार मंडल के अध्यक्ष टीएन अग्रवाल के निर्देशन में व्यापारी संगठनों ने एक बड़ी पहल की और 2100 थैले और थालियों की दूसरी खेप आरएसएस के पदाधिकारियों को सौंपी।
56 प्रकार के पेठे का वितरण
व्यापार मंडल के उपाध्यक्ष राजेश अग्रवाल के नेतृत्व में नूरी गेट स्थित प्राचीन पेठा पर आयोजित कार्यक्रम में आरएसएस के पदाधिकारी हरीशंकर और केशव शर्मा ने आगरा के व्यापारिक संगठन के योगदान की सराहना की। इस विशेष पहल के तहत 56 प्रकार के पेठे का प्रसाद मकर संक्रांति के दिन प्रयागराज महाकुंभ में वितरित किया जाएगा।
इस आयोजन में आगरा के विभिन्न व्यापारी और सामाजिक कार्यकर्ता शामिल हुए, जिनमें बृजमोहन रेपुरिया, विजय बंसल, संदीप गुप्ता, सुरेश बरेजा, साहूकार सिंह, अंशुल अग्रवाल, सुनील अग्रवाल, बंशीधर पंजवानी, कमल राठौर, पुनीत पंवार, साध्वी सूर्य कुमारी, शकुंतला पंवार, नवीन गोयल, मधु, किशन-रिचा, नीतेश अग्रवाल और अतुल बंसल प्रमुख रूप से उपस्थित रहे।
पहली खेप में 1100 थैले-थाली भेजे गए थे
इससे पहले, व्यापार मंडल ने 1100 थैले और थालियों की एक खेप संघ के विभाग प्रचारक आनंद को भेंट की थी। यह पहल आगरा के व्यापारियों द्वारा समाज सेवा और धार्मिक उत्सवों के प्रति अपनी जिम्मेदारी को निभाने की एक और मिसाल साबित हो रही है। इस आयोजन में अशोक मंगवानी, कन्हैयालाल राठौड़, राकेश बंसल, राजेन्द्र सचदेवा, देवेंद्र अग्रवाल, डा. धीरज वर्मा, रीतेश राठौड़, देवेंद्र अग्रवाल, दुष्यंत अग्रवाल, पुनीत पोद्दार और नंदकिशोर गोयल जैसे समाजसेवी भी उपस्थित थे।
आगरा का योगदान और समाज सेवा
इस पहल के माध्यम से आगरा के व्यापारी समुदाय ने ना सिर्फ अपने उत्पादों का प्रचार किया, बल्कि समाज सेवा और धार्मिक आयोजनों में अपनी भागीदारी को भी सुनिश्चित किया। इस कार्य के पीछे की भावना को व्यापारी संगठनों और आरएसएस के पदाधिकारियों ने सराहा। यह आयोजन महाकुंभ के दौरान धार्मिक और सांस्कृतिक महत्व को बढ़ाने के साथ-साथ शहर के व्यापारियों की एकता और समाज के प्रति उनकी जिम्मेदारी को भी उजागर करता है।