आगरा: ताजनगरी में वायु गुणवत्ता की स्थिति गंभीर हो गई है, जिससे शहरवासियों के लिए सांस लेना कठिन हो गया है। हाल ही में किए गए वायु गुणवत्ता परीक्षण में शहर में हवा में मानक से चार गुना अधिक अति सूक्ष्म कण (PM2.5) पाए गए हैं, जबकि कार्बन मोनोआक्साइड की मात्रा भी खतरनाक स्तर तक पहुंच गई है। संजय प्लेस पर कार्बन मोनोआक्साइड की अधिकतम मात्रा मानक से 33 गुना ज्यादा पाई गई, जो एक चेतावनी है। वायु प्रदूषण के कारण शहर के कई इलाकों में खांसी, आंखों में जलन, और सांस लेने में दिक्कत जैसी समस्याएं बढ़ गई हैं।
वायु गुणवत्ता सूचकांक (AQI) के अनुसार ताजनगरी की स्थिति
गुरुवार को ताजमहल शहर में वायु गुणवत्ता सूचकांक (AQI) में सुधार देखा गया, हालांकि अभी भी यह खतरनाक श्रेणी में बनी हुई है। संजय प्लेस, मनोहरपुर, सेक्टर तीन-बी आवास विकास कालोनी, शास्त्रीपुरम, और शाहजहां गार्डन जैसे क्षेत्रों में हवा में अति सूक्ष्म कणों की अधिकतम मात्रा खराब स्थिति में दर्ज की गई।
अति सूक्ष्म कणों की घातक मात्रा
शहर में हवा में मौजूद अति सूक्ष्म कणों (PM2.5) की अधिकतम मात्रा 70-282 माइक्रोग्राम प्रति घन मीटर के बीच रही, जो प्रदूषण के मानकों से कई गुना अधिक है। यह कण हवा में घुलकर खांसी, सांस की समस्याएं और आंखों में जलन का कारण बन रहे हैं। इसके अलावा, कार्बन मोनोआक्साइड (CO) की अधिकतम मात्रा भी कई इलाकों में खतरनाक स्तर तक पहुंच गई है। उदाहरण के लिए, संजय प्लेस में कार्बन मोनोआक्साइड की अधिकतम मात्रा 33 गुना अधिक रही।
वायु प्रदूषण का प्रभाव
वायु प्रदूषण से शहरवासियों की सेहत पर बुरा असर पड़ रहा है। विशेषज्ञों के अनुसार, लंबे समय तक इस तरह की हवा में सांस लेना श्वसन तंत्र को गंभीर नुकसान पहुंचा सकता है। खासकर बच्चों, बुजुर्गों और पहले से किसी शारीरिक समस्या से जूझ रहे लोगों के लिए यह स्थिति और भी खतरनाक हो सकती है।
अत्यधिक प्रदूषण वाले इलाकों की सूची
वायु गुणवत्ता सूचकांक (AQI) के अनुसार, शहर के विभिन्न हिस्सों की स्थिति इस प्रकार रही:
- संजय प्लेस: PM2.5 – 133 µg/m³, कार्बन मोनोआक्साइड – 67 µg/m³
- मनोहरपुर: PM2.5 – 167 µg/m³, कार्बन मोनोआक्साइड – 13 µg/m³
- सेक्टर तीन-बी आवास विकास कालोनी: PM2.5 – 120 µg/m³, कार्बन मोनोआक्साइड – 91 µg/m³
- शास्त्रीपुरम: PM2.5 – 152 µg/m³, कार्बन मोनोआक्साइड – 77 µg/m³
- शाहजहां गार्डन: PM2.5 – 133 µg/m³, कार्बन मोनोआक्साइड – 78 µg/m³
- रोहता: PM2.5 – 84 µg/m³, कार्बन मोनोआक्साइड – 50 µg/m³
मानक से अधिक प्रदूषण
वैज्ञानिकों के अनुसार, हवा में PM2.5 की मात्रा 60 माइक्रोग्राम प्रति घन मीटर से अधिक नहीं होनी चाहिए। इसके अलावा, कार्बन मोनोआक्साइड की सीमा 4 माइक्रोग्राम प्रति घन मीटर से अधिक नहीं होनी चाहिए। लेकिन आगरा के कुछ हिस्सों में यह मात्रा इन मानकों से 10 से 33 गुना ज्यादा पाई गई है, जो कि प्रदूषण को लेकर गंभीर चिंता का विषय है।
प्रदूषण पर नियंत्रण की आवश्यकता
शहर में वायु प्रदूषण पर काबू पाने के लिए और इसे नियंत्रण में रखने के लिए सरकार को जल्द ठोस कदम उठाने की आवश्यकता है। विशेषज्ञों का कहना है कि शहर में बढ़ते वाहनों की संख्या, निर्माण कार्य, और जलाने की आदतें जैसे कारण हवा को और भी प्रदूषित कर रहे हैं। प्रदूषण कम करने के लिए पौधारोपण, सार्वजनिक परिवहन का उपयोग बढ़ाना और कचरे का उचित निपटान जैसी योजनाओं पर काम करने की आवश्यकता है।