अजब-गजब: माउंट आबू के इस गांव में बैलगाड़ी नहीं, सीधे पहुंच गया ‘ट्रैक्टर बाबा’! जानें क्या है पूरा माजरा

Deepak Sharma
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अजब-गजब: माउंट आबू के इस गांव में बैलगाड़ी नहीं, सीधे पहुंच गया 'ट्रैक्टर बाबा'! जानें क्या है पूरा माजरा

माउंट आबू, राजस्थान: राजस्थान के एकमात्र हिल स्टेशन माउंट आबू में स्थित दुर्गम उतरज गांव में अब खेती का तरीका बदलने वाला है। समुद्र तल से 1400 मीटर की ऊंचाई पर बसे इस गांव में, जहाँ आज तक कोई गाड़ी नहीं पहुँच पाती थी, वहाँ अब पहला ट्रैक्टर आ गया है। इस ऐतिहासिक क्षण को संभव बनाने के लिए ग्रामीणों ने ट्रैक्टर के अलग-अलग हिस्सों को कंधों पर उठाकर 3 किलोमीटर का दुर्गम पहाड़ी रास्ता तय किया और फिर गांव में उन्हें असेंबल किया।

दुर्गम रास्ते और ग्रामीणों का संकल्प

उतरज गांव, शहर से 18 किलोमीटर दूर है। यहाँ पहुँचने के लिए पहले गुरुशिखर आना पड़ता है, और फिर वहाँ से 3 किलोमीटर तक घने जंगल और उबड़-खाबड़ पहाड़ी रास्तों से पैदल गुजरना पड़ता है। इस कठिन भौगोलिक स्थिति के कारण गांव में खेती करना भी बेहद मुश्किल था, जहाँ बैलों से हल जोतकर काम होता था। इसी परेशानी को दूर करने के लिए ग्रामीणों ने ट्रैक्टर लाने का अनूठा संकल्प लिया।

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गांव के लोगों ने मिलकर लगभग 8 लाख रुपये खर्च कर एक ट्रैक्टर खरीदा। फिर इसके पुर्जों को अलग-अलग करके, पैदल ही उन्हें उतरज तक पहुँचाया।

900 किलो का इंजन 50 लोगों ने उठाया कंधों पर

सबसे बड़ी चुनौती ट्रैक्टर के 900 किलो के इंजन को गांव तक पहुँचाना था। ग्रामीणों ने इसके लिए बांस का एक मजबूत फ्रेम बनाया और 50 लोगों ने मिलकर इस विशाल इंजन को अपने कंधों पर उठाकर 3 किलोमीटर का पहाड़ी रास्ता तय किया। यह ग्रामीणों के अटूट संकल्प और एकजुटता का अद्भुत उदाहरण है।

50 पीढ़ियों बाद आया बदलाव, खेती में होगी क्रांति

उतरज गांव के निवासी सांखल सिंह राजपूत ने बताया कि उनका जन्म इसी गांव में हुआ है और उनकी 50 पीढ़ियां यहीं निवास करती आ रही हैं। उन्होंने बताया कि ट्रैक्टर आने से गांव की 400 बीघा जमीन पर अब आधुनिक तरीके से खेती हो सकेगी। गांव में 32 कुएं भी हैं, जिनका पानी अब और बेहतर तरीके से उपयोग हो सकेगा।

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सांखल सिंह ने खुशी जताते हुए कहा, “पहले गांव में खेती-बाड़ी के सभी कार्य बैलों द्वारा हल जोत कर किए जाते थे, जिससे अधिक परिश्रम के साथ अधिक समय लगता था और अनेकों परेशानियों का सामना करना पड़ता था।” ट्रैक्टर के आगमन पर पूरे गांव में खुशियों का माहौल है। ट्रैक्टर खरीदने के बाद विधिवत पूजा-अर्चना की गई और ढोल नगाड़े बजाए गए।

ट्रैक्टर आने के बाद ग्रामीण पहली बार लहसुन और जौ की खेती करने की योजना बना रहे हैं। फिलहाल वे गेहूं, मटर, पत्ता गोभी, फूल गोभी, आलू आदि की खेती करते हैं। यह ऐतिहासिक पहल उतरज गांव में कृषि क्रांति लाने और ग्रामीणों के जीवन को बेहतर बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगी।

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