भागवताचार्य देवकीनंदन महाराज और उनके भाई विजय शर्मा पर जमीन बेचने के नाम पर चालीस लाख रूपये हड़पने का आरोप

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मथुरा/वृंदावन. नामचीन भागवताचार्य और विश्व शांति सेवा चैरिटेबल ट्रस्ट के अध्यक्ष देवकीनंदन महाराज उनके सगे छोटे भाई विजय शर्मा, और सहयोगी कमल शर्मा पर जमीन बिक्री किए जाने का आधार बनाकर चालीस लाख की धनराशि हड़प लिए जाने का आरोप भाकियू भानु शैक्षिक प्रकोष्ठ के राष्ट्रीय अध्यक्ष ठाकुर यशवीर सिंह राघव ने लगाया है। उन्होंने इस बारे में वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक कार्यालय पर शिकायत भी दर्ज कराई है। पुलिस अधिकारी ने उनको न्यायोचित कार्यवाही का भरोसा दिलाया है।

भाकियू नेता ठाकुर यशवीर सिंह राघव का आरोप है कि। करीब साढ़े चार माह पूर्व कथाकार देवकीनंदन महाराज से जैंत भरतिया मार्ग स्थित उनकी रिक्त पड़ी भूमि का सतानवे-लाख रूपये प्रति एकड़ की दर से सौदा तय हुआ। महाराज ने 21 एकड़ जमीन अपने अधिकार में बताई उसी आधार पर चालीस लाख रूपये विश्वशांति सेवा चैरिटेबल ट्रस्ट के खाते में डलवा लिए और बाकी 25 प्रतिशत धनराशि 40 दिन में देने का करार हुआ। और पूरा भुगतान 18 माह में करने को कहा गया। इसी बीच महराज के संपर्क जमीन को महंगी दर पर लिए जाने को अन्य किसी से हो गए। फिर क्या कथा के जरिए औरों को बड़े- बड़े उपदेश देने वाले देवकीनन्दन महाराज की नीयत डोल गई और कहने लगे कि आपको न तो जमीन मिलेगी और ना ही पैसा ।

पीड़ित ठाकुर यसवीर सिंह ने बताया कि। महाराज और उनके छोटे भाई विजय शर्मा, सहयोगी कमल शर्मा से संपर्क कर मिन्नत की गई मगर उन्होंने ने भी साफ इंकार कर दिया और गालीगलौज करते हुए कहा कि। अगर अपने पैसे लेने के चक्कर में रहा तो जान से मरवा दिया जायेगा या किसी झूठे बड़े केस में जेल भिजवा दिया जायेगा। हमारी शासन और प्रशासन में अच्छी पकड़ है। तू कुछ भी नहीं बिगाड़ पायेगा। तेरी चुप बैठने में ही भलाई है। पीड़ित को मालूम हुआ कि देवकीनंदन महाराज द्वारा जहां जमीन का सौदा तय किया गया है वहां 21 एकड़ जमीन है ही नहीं। यह तो उनके द्वारा षड्यंत्र रचकर रूपये हड़पने का चलाव का तरीका था। पीड़ित ठाकुर यशवीर सिंह ने बताया कि। चालीस लाख रूपये की धनराशि उनकी पत्नी सुगंधा सिंह के खाते से दी गई है।
इस बारे में प्रभारी निरीक्षक जैंत अरुण कुमार पंवार का कहना है कि। एसएसपी कार्यालय से शिकायती पत्र प्राप्त हुआ है। उसकी जांच कर विधिक कार्यवाही की जायेगी।

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Editor in Chief of Agra Bharat Hindi Dainik Newspaper
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