भरतपुर, राजस्थान: मथुरा गेट थाना क्षेत्र स्थित गिराई लाइन कॉलोनी में प्रशासन द्वारा किया गया अतिक्रमण हटाने का काम एक उदाहरण बन गया, जहां बिना किसी विवाद के सिख समाज ने गुरु ग्रंथ साहिब को सम्मानपूर्वक एक नए स्थान पर शिफ्ट कर दिया। इस कार्रवाई से न सिर्फ प्रशासन की सख्ती दिखी, बल्कि सिख समाज के संवेदनशील और शांतिपूर्ण कदम ने समाज में एकता और सहयोग का संदेश भी दिया।
60 साल पुराने अतिक्रमण पर प्रशासन का कदम
गिराई लाइन कॉलोनी में स्थित यूआईटी की जमीन पर पिछले 60 साल से अतिक्रमण किया गया था। यहां एक गुरुद्वारा और उसके साथ बने कमरे पर अवैध निर्माण हो चुका था। बीडीए द्वारा शहर के सौंदर्यीकरण और योजनाबद्ध विकास को ध्यान में रखते हुए प्रशासन ने इस अतिक्रमण को हटाने का निर्णय लिया। 28 दिसंबर को तहसील प्रशासन ने मौके पर जेसीबी बुलाकर पक्के मकान को ध्वस्त कर दिया। इस दौरान पुलिस प्रशासन भी मौके पर तैनात था। प्रशासन ने यह सुनिश्चित किया कि इस कार्यवाही के दौरान गुरुद्वारे की भूमि को नुकसान न पहुंचे, ताकि समाज में कोई विवाद न हो।
सिख समाज ने दिखाया सद्भाव और सहयोग का उदाहरण
गुरुद्वारा के बगल में बने अवैध कमरों को हटाए जाने के बावजूद सिख समाज ने किसी प्रकार का विरोध नहीं किया। इस नेक कदम के अंतर्गत सिख समाज ने स्वेच्छा से गुरु ग्रंथ साहिब को पाई बाग स्थित सिंह सभा गुरुद्वारे में शिफ्ट कर दिया। समाज में शांति बनाए रखने और प्रशासन के साथ सहयोग करते हुए यह कदम उठाया गया।
गुरबचन सिंह का बयान
गुरबचन सिंह, जिन्होंने इस गुरुद्वारे के इतिहास के बारे में बताया, ने कहा, “यहां पर 60 साल पहले हमारे पिताजी पाकिस्तान से भरतपुर आए थे और साथ में गुरुग्रंथ साहिब लेकर आए थे। उन्होंने इस स्थान पर गुरुद्वारा स्थापित किया था और इसके पास ही एक कमरा भी बनाया था। यह स्थान हमारे लिए बहुत खास है, लेकिन अब प्रशासन द्वारा किए गए कदम को समझते हुए हमने गुरु ग्रंथ साहिब को दूसरे स्थान पर शिफ्ट किया। हमें फिलहाल यूआईटी के फ्लैट्स में रहने के लिए जगह दी गई है।”
प्रशासन का संदेश
भरतपुर तहसीलदार राहुल श्रीवास्तव ने बताया, “गिराई लाइन कॉलोनी में यूआईटी की जमीन थी जिस पर अतिक्रमण था। इस जगह पर कई योजनाओं के लिए अनुमति दी गई थी, जिसके चलते इस अतिक्रमण को हटाना आवश्यक था। सिख समाज के लोगों को रहने के लिए प्रशासन ने स्थान प्रदान किया है, और इसके बाद स्वेच्छा से गुरुद्वारे से गुरु ग्रंथ साहिब को दूसरे स्थान पर शिफ्ट कर दिया गया। इस प्रक्रिया के माध्यम से प्रशासन ने अवैध निर्माण को आसानी से हटाया, साथ ही शांति और सद्भाव बनाए रखने में सफलता प्राप्त की।”
समाज में शांति और सद्भाव का संदेश
यह कार्रवाई न सिर्फ प्रशासन की सूझबूझ और योजना को दर्शाती है, बल्कि सिख समाज की समझदारी और शांति की मिसाल भी प्रस्तुत करती है। सिख समाज के सहयोग से प्रशासन ने अपनी योजनाओं को लागू किया और किसी भी प्रकार के विवाद से बचते हुए समाज में सामूहिकता और आपसी सद्भाव का संदेश दिया।