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मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का बड़ा बयान: किसी भी विवादित ढांचे को मस्जिद कहना इस्लाम के सिद्धांतों के खिलाफ

BRAJESH KUMAR GAUTAM
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उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने हाल ही में एक बयान देते हुए कहा कि किसी भी विवादित ढांचे को मस्जिद कहना इस्लाम के सिद्धांतों के खिलाफ है। उन्होंने यह भी कहा कि जब तक हम इस विवादित ढांचे को मस्जिद के रूप में संबोधित करना बंद नहीं करेंगे, तब तक लोग वहां आना भी बंद कर देंगे। सीएम योगी ने इस मुद्दे पर अपनी बात महाकुंभ मेला क्षेत्र में आयोजित एक निजी चैनल के कार्यक्रम में रखी।

मुख्यमंत्री ने इस्लाम के सिद्धांतों को ध्यान में रखते हुए कहा कि किसी स्थान पर मस्जिद का निर्माण या इबादत का कोई स्थान होना जरूरी नहीं है। उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि जब खुदा को भी ऐसी इबादत स्वीकार नहीं होती, तो वहां पर इबादत करना क्यों उचित होगा? उनके अनुसार, इस्लाम में उपासना के लिए कोई स्थायी संरचना का निर्माण जरूरी नहीं है, जबकि हिंदू धर्म में मंदिर के बिना उपासना संभव नहीं होती।

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महाकुंभ और आस्था-आधुनिकता का समागम

सीएम योगी ने महाकुंभ के बारे में बात करते हुए कहा कि यह महाकुंभ आस्था और आधुनिकता के नए समागम के रूप में दुनिया के सामने पेश होगा। उन्होंने कहा कि प्रयागराज का महाकुंभ भव्य, दिव्य और डिजिटल कुम्भ के रूप में जाना जाएगा, जिसमें स्वच्छता, सुरक्षा और आधुनिकता का ध्यान रखा जाएगा। उन्होंने 2013 के महाकुंभ की स्थिति का जिक्र करते हुए कहा कि उस समय विदेशों से आए लोग भी गंदगी और अव्यवस्था को देखकर दुखी हो गए थे। लेकिन अब भाजपा की डबल इंजन सरकार की कोशिशों से महाकुंभ को सुव्यवस्था, आस्था और आधुनिकता के साथ आयोजित किया जाएगा।

महाकुंभ में मुस्लिमों की एंट्री पर भी दी प्रतिक्रिया

महाकुंभ में मुस्लिमों की एंट्री के सवाल पर सीएम योगी ने कहा कि जो लोग भारत और उसकी सनातन परंपराओं का सम्मान करते हैं, वे महाकुंभ में आ सकते हैं। उन्होंने यह भी कहा कि यदि कोई कुत्सित मानसिकता के साथ आता है, तो उसे यहां आने की कोई जरूरत नहीं है, क्योंकि उसकी आस्था और भावनाएं यहां के वातावरण से मेल नहीं खा सकतीं। उनका यह भी कहना था कि श्रद्धा और सम्मान के साथ आने वाले हर व्यक्ति का स्वागत है।

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संभल में श्री हरि विष्णु मंदिर तोड़ने का मामला

सीएम योगी ने संभल में श्री हरि विष्णु मंदिर तोड़ने के विवाद का जिक्र करते हुए कहा कि यह मंदिर और उसकी आस्था से जुड़े प्रमाण हैं। उन्होंने यह स्पष्ट किया कि अगर कोई व्यक्ति वक्फ बोर्ड की जमीन का दावा करता है तो वह गलत है। उन्होंने वक्फ बोर्ड को भूमाफिया करार देते हुए कहा कि यह कुम्भ की भूमि है और यह हमेशा कुम्भ के आयोजन के लिए ही रहेगी। इसके अलावा, अगर कोई व्यक्ति यह कहता है कि यह भूमि उसकी है, तो उसे उसके दावे की सच्चाई का पता चलेगा।

मुख्यमंत्री का संदेश

सीएम योगी ने अपने बयान में कहा कि यह समय एक नए भारत के निर्माण का है, जहां हम सभी को अपनी आस्था और विश्वास का सम्मान करते हुए आगे बढ़ना चाहिए। उनका यह भी कहना था कि हमे किसी भी ढांचे को मस्जिद कहने की जिद नहीं करनी चाहिए, क्योंकि यह न केवल इस्लाम के सिद्धांतों के खिलाफ है, बल्कि आस्था और विश्वास का अपमान भी है।

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मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का यह बयान इस बात को स्पष्ट करता है कि भारत में धार्मिक आस्था का सम्मान किया जाना चाहिए और किसी भी विवादित ढांचे को लेकर उपदेशों और चर्चाओं का माहौल शांतिपूर्वक रखा जाए। साथ ही, महाकुंभ के आयोजन को लेकर सरकार की तैयारियां और उनका दृष्टिकोण यह संकेत देते हैं कि यह आयोजन न केवल आस्था का, बल्कि देश की सांस्कृतिक विविधता और आधुनिकता का भी प्रतीक बनेगा।

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