दिल्ली हाईकोर्ट से भाजपा नेता शाहनवाज हुसैन को बड़ी राहत मिली है। हाईकोर्ट ने शाहनवाज हुसैन और उनके भाई के खिलाफ दुष्कर्म मामले में प्राथमिकी दर्ज करने के निचली अदालत के आदेश को रद्द किया है। पूर्व केंद्रीय मंत्री शाहनवाज ने अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश द्वारा पारित आदेश को उच्च न्यायालय में चुनौती दी थी।
दिल्ली हाईकोर्ट ने मामले में नए सिरे से फैसले देने के लिए इस वापस अदालत भेज दिया है। न्यायमूर्ति अमित महाजन ने कहा कि निचली अदालत को, प्राथमिकी दर्ज करने से इनकार करने वाले मजिस्ट्रेट अदालत के आदेश को खारिज करने से पहले संदिग्ध आरोपियों को अपना पक्ष रखने का अवसर देना चाहिए था।
कोर्ट ने हुसैन बंधुओं की याचिका पर अपने हालिया आदेश में कहा, 21 मई 2022 के विवादित निर्णय को रद्द किया जाता है। याचिकाकर्ताओं को सुनवाई का अवसर देने के बाद मामले को नए सिरे से निर्णय के लिए संबंधित अदालत के पास लौटाया जाता है।
महिला ने अपनी शिकायत में आरोप लगाया है कि वह एक एनजीओ से जुड़े काम के सिलसिले में शाहबाज हुसैन से मिली थी और शाहबाज ने खुद को भाजपा नेता के भाई के रूप में पेश किया था। महिला ने आरोप लगाया कि उसने शाहबाज़ हुसैन के साथ निकटता विकसित की क्योंकि उसने उससे शादी करने का वादा किया था और उसने जनवरी 2017 में एक मौलवी की उपस्थिति में उससे शादी की थी, लेकिन बाद में पता चला कि मौलवी ने एक नकली विवाह प्रमाणपत्र जारी किया था।