आगरा : 25 लाख रुपये का चेक डिसऑनर होने के मामले में आरोपित मैसर्स प्रॉक्सी इंफ्रास्ट्रेट प्राइवेट लिमिटेड के प्रोप्राइटर मुकेश चंद पाल को पर्याप्त सबूत के अभाव में विशेष न्यायालय एन, आई एक्ट के पीठासीन अधिकारी सतेंद्र सिंह ने बरी करने के आदेश दिए।
ये है पूरा मामला
वादी मुकदमा प्रताप सिंह बघेल, निवासी महादेव नगर, कैलाश रोड, थाना सिकन्दरा, जिला आगरा ने विपक्षी मुकेश चंद पाल के खिलाफ मुकदमा प्रस्तुत कर आरोप लगाया था।
उन्होंने आरोप लगाया कि उनके अच्छे संबंध होने के कारण, अक्टूबर 2016 में विपक्षी ने उन्हें अपने नए निर्माणाधीन प्रोजेक्ट “प्रॉक्सी एवेन्यू” के बारे में बताया।
विपक्षी ने कहा कि वह 1850 वर्ग फीट एरिया में डुप्लेक्स हाउस फ्लैटों का निर्माण कर रहा है और उन्हें 35 लाख रुपये में फ्लैट दे देगा।
वादी के अनुसार, उन्होंने विपक्षी को 25 लाख रुपये दे दिए, लेकिन विपक्षी ने उन्हें फ्लैट नहीं दिया।
विपक्षी ने वादी को 25 लाख रुपये का चेक दिया, जो बैंक में प्रस्तुत करने पर डिसऑनर हो गया।
मुकदमे की विचारण के बाद, सबूतों के अभाव और आरोपी के अधिवक्ता तेज सिंह बघेल के तर्कों पर, अदालत ने विपक्षी को बरी करने के आदेश दिए।