नई दिल्ली। दिल्ली विधानसभा में मंगलवार को मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता द्वारा सीएजी (कंट्रोलर एंड ऑडिटर जनरल) की रिपोर्ट पेश की गई, जिसमें यह खुलासा हुआ कि अरविंद केजरीवाल के शासनकाल में लागू की गई आबकारी नीति के कारण दिल्ली सरकार को 2002 करोड़ रुपये का भारी राजस्व नुकसान हुआ। इस रिपोर्ट ने दिल्ली सरकार की शराब नीति के मुद्दे को फिर से तूल दिया है और विधानसभा में हंगामे का कारण बना है।
सीएजी रिपोर्ट से सामने आई गंभीर गड़बड़ियां
सीएजी की रिपोर्ट के अनुसार, दिल्ली सरकार की आबकारी नीति में लाइसेंसिंग प्रक्रिया में कई गंभीर गड़बड़ियां पाई गईं। विशेष रूप से, विशेषज्ञ पैनल द्वारा दिए गए बदलाव के सुझावों को पूरी तरह नजरअंदाज कर दिया गया था, जिससे सरकारी खजाने को भारी नुकसान हुआ। मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने बताया कि यह रिपोर्ट पिछले सरकार द्वारा दबाए रखने की कोशिश की गई थी, लेकिन अब इसे जनता के सामने लाया जा रहा है।
रिपोर्ट में यह भी बताया गया कि आबकारी नीति में घोटाले की आशंका है, जिसके कारण राज्य को दो हजार करोड़ रुपये का नुकसान हुआ। यह नुकसान सरकार की राजस्व वसूली पर सीधा प्रभाव डाल रहा है। मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने इसे ‘आबकारी घोटाला’ करार दिया और कहा कि यह आम जनता के पैसे की बर्बादी थी।
विधानसभा में हंगामा और निलंबन की कार्रवाई
इस बीच, दिल्ली विधानसभा में आम आदमी पार्टी के विधायक लगातार हंगामा करते रहे। सदन की कार्यवाही में बाधा डालने के आरोप में अब तक आम आदमी पार्टी के 21 विधायक निलंबित हो चुके हैं। इन विधायकों में से 11 को पहले ही निलंबित किया जा चुका था, और बाद में 10 और विधायकों को निलंबित कर दिया गया।
आज की विधानसभा कार्यवाही की शुरुआत उस समय हुई जब उपराज्यपाल वीके सक्सेना का अभिभाषण चल रहा था, और आप के विधायकों ने लगातार शोरशराबा किया। इसके बाद स्पीकर बिजेंद्र गुप्ता ने इन विधायकों को निलंबित कर दिया।
विपक्ष का आरोप
विपक्ष ने इस पूरे मामले में सरकार पर गंभीर आरोप लगाए हैं। आप पार्टी के विधायक और नेता विपक्ष, आतिशी ने इस रिपोर्ट को राजनीतिक साजिश करार दिया और कहा कि यह केवल उनकी पार्टी को निशाना बनाने की कोशिश है। उन्होंने दावा किया कि दिल्ली सरकार ने आबकारी नीति में सुधार करने के लिए हर संभव कदम उठाया था।
दिल्ली सरकार की सफाई
दूसरी ओर, दिल्ली सरकार ने अपनी सफाई पेश करते हुए कहा कि सीएजी की रिपोर्ट में कुछ तथ्यों को तोड़-मरोड़ कर पेश किया गया है। उन्होंने यह भी कहा कि आबकारी नीति में बदलाव करने के लिए कई प्रयास किए गए थे और सरकार ने हमेशा पारदर्शिता बनाए रखी है।