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आगरा के निजी स्कूलों की मनमानी फीस वृद्धि पर अभिभावकों का फूटा गुस्सा, कार्रवाई की मांग

BRAJESH KUMAR GAUTAM
3 Min Read
आगरा के निजी स्कूलों की मनमानी फीस वृद्धि पर अभिभावकों का फूटा गुस्सा, कार्रवाई की मांग

आगरा के निजी स्कूलों की मनमानी फीस वृद्धि से परेशान अभिभावकों ने प्रशासन से कार्रवाई की मांग की है। जानें पूरी शिकायत और अभिभावकों की प्रमुख मांगें। #AgraSchools #FeeHike #ParentsProtest

आगरा: आगरा जनपद के मिशनरी और अन्य निजी स्कूलों द्वारा हर साल की जा रही अनियंत्रित फीस वृद्धि से त्रस्त अभिभावकों का गुस्सा अब खुलकर सामने आ गया है। अभिभावकों ने मनमानी फीस वृद्धि के खिलाफ आवाज उठाते हुए प्रशासन से सख्त कार्रवाई की मांग की है। उनका कहना है कि स्कूलों द्वारा बिना किसी ठोस कारण और अभिभावक समिति की सहमति के हर वर्ष फीस में भारी वृद्धि की जा रही है, जिससे मध्यमवर्गीय और निम्नवर्गीय परिवारों पर आर्थिक बोझ बढ़ता जा रहा है।

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अभिभावकों द्वारा सौंपे गए एक शिकायत पत्र में कहा गया है कि राज्य सरकार द्वारा निजी स्कूलों की फीस बढ़ोतरी को नियंत्रित करने के लिए समय-समय पर दिशानिर्देश जारी किए गए हैं, लेकिन अधिकांश स्कूल इन नियमों का पालन नहीं कर रहे हैं। शिकायत में आरोप लगाया गया है कि स्कूल हर साल ट्यूशन फीस, वार्षिक शुल्क, कंप्यूटर फीस और बिल्डिंग फंड जैसे विभिन्न मदों में 10% से अधिक की वृद्धि कर देते हैं।

अभिभावकों ने यह भी शिकायत की है कि स्कूलों द्वारा फीस का विस्तृत विवरण पहले से नहीं दिया जाता और अंतिम समय में बढ़ी हुई फीस थोप दी जाती है। इसके अलावा, फीस जमा न करने पर बच्चों को मानसिक दबाव में लाने जैसी घटनाएं भी सामने आई हैं, जिससे अभिभावकों में गहरा आक्रोश है।

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अपनी मांगों को रखते हुए अभिभावकों ने प्रशासन से निम्नलिखित कदम उठाने का आग्रह किया है:

  1. आगरा जनपद के सभी मिशनरी और निजी स्कूलों की फीस संरचना की तत्काल जांच कराई जाए।
  2. पिछले तीन वर्षों में स्कूलों द्वारा की गई फीस वृद्धि का ऑडिट कराया जाए।
  3. भविष्य में फीस बढ़ाने से पहले अभिभावक समिति की लिखित सहमति को अनिवार्य किया जाए।
  4. प्रत्येक स्कूल में फीस शिकायत निवारण समिति का गठन किया जाए, जिसमें अभिभावकों का प्रतिनिधित्व सुनिश्चित हो।
  5. दोषी पाए जाने वाले स्कूलों पर तत्काल कार्रवाई की जाए और अभिभावकों को राहत प्रदान की जाए।

अभिभावकों ने प्रशासन से इस गंभीर मुद्दे पर संज्ञान लेते हुए आवश्यक कार्यवाही करने की अपील की है, ताकि उन्हें निजी स्कूलों की इस मनमानी से बचाया जा सके और उनके बच्चों की शिक्षा सुचारू रूप से जारी रह सके। इस मामले पर अब प्रशासन की ओर से क्या कदम उठाए जाते हैं, इस पर सभी की निगाहें टिकी हुई हैं।

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