स्कूल के बाथरूम में मिला कैमरा! प्रिंसिपल रूम में लाइव फुटेज चलने के लगे आरोप

Deepak Sharma
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स्कूल के बाथरूम में मिला कैमरा! प्रिंसिपल रूम में लाइव फुटेज चलने के लगे आरोप

बिलासपुर (छत्तीसगढ़): छत्तीसगढ़ के बिलासपुर से एक चौंकाने वाला मामला सामने आया है। लिंगियाडीह इलाके के स्वामी आत्मानंद इंग्लिश मीडियम स्कूल के बाथरूम में कैमरा मिलने से हड़कंप मच गया है। बताया जा रहा है कि इस कैमरे को लड़कों के बाथरूम में लगाया गया था, जिससे इलाके में सनसनी फैल गई। यह घटना अब सोशल मीडिया पर वायरल हो गई है, और लोगों के बीच यह विवाद का विषय बन गया है। हालांकि, जब इस मामले में स्कूल के प्रिंसिपल से बातचीत की गई, तो उन्होंने दावा किया कि यह कैमरा असली नहीं था और केवल एक डमी कैमरा था।

क्या बोले स्कूल के प्रिंसिपल?

स्कूल के प्रिंसिपल, एम. के. मिश्रा ने इस मामले पर अपनी सफाई दी। उन्होंने कहा कि बाथरूम में बच्चों द्वारा तोड़फोड़ की घटनाएं हो रही थीं, और उसे रोकने के लिए यह डमी कैमरा लगाया गया था। प्रिंसिपल के अनुसार, यह कैमरा सिर्फ एक चेतावनी के तौर पर लगाया गया था, ताकि छात्रों को इस तरह की गतिविधियों से बचाया जा सके।

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हालांकि, प्रिंसिपल ने यह भी बताया कि इस कैमरे से लाइव फुटेज प्रिंसिपल के ऑफिस में देखी जा रही थी। इससे यह आशंका उत्पन्न हुई कि शायद कैमरा को लेकर कुछ और साजिश हो सकती है। इस पूरे घटनाक्रम ने स्कूल प्रशासन पर कई सवाल उठाए हैं।

अधिकारियों का क्या कहना है?

इस मामले में जब जिला शिक्षा अधिकारी से संपर्क किया गया, तो उन्होंने कहा कि किसी भी स्कूल में बाथरूम जैसी निजी जगह पर कैमरा लगाना न सिर्फ गलत है, बल्कि यह छात्रों के निजता का उल्लंघन भी है, चाहे वह कैमरा असली हो या नकली। शिक्षा विभाग ने तुरंत कैमरे को हटाने के आदेश दिए और इस मामले की पूरी तरह से जांच कराने की बात कही।

जिला शिक्षा अधिकारी ने कहा, “हम इस पूरे मामले की गहन जांच कर रहे हैं। फुटेज की भी जांच की जा रही है, ताकि यह पता चल सके कि यह कैमरा किस उद्देश्य से और किसकी ओर से लगाया गया था। दोषियों पर कड़ी कार्रवाई की जाएगी।”

क्यों हो रहा है विवाद?

यह मामला तब और बढ़ गया जब यह जानकारी सामने आई कि यह डमी कैमरा असल में स्कूल के प्रिंसिपल के ऑफिस से जुड़ा हुआ था और वहां से लाइव फुटेज देखी जा रही थी। इससे यह सवाल उठने लगे कि क्या यह वास्तव में सिर्फ एक सुरक्षा उपाय था, या फिर यह किसी अन्य उद्देश्य से किया गया था। स्कूल के अधिकारियों और स्थानीय समुदाय के बीच इस मुद्दे पर मतभेद गहरा गए हैं।

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इस घटना ने स्कूल प्रशासन की निगरानी व्यवस्था और बच्चों की सुरक्षा के बारे में गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। यह मामला अब शिक्षा विभाग की जांच का हिस्सा बन चुका है, और अधिकारियों ने इस पर सख्त कार्रवाई की बात की है।

स्कूल प्रशासन पर बढ़ी जांच

इस मामले में जो सबसे बड़ी चिंता है, वह है स्कूल प्रशासन द्वारा बच्चों के बाथरूम में कैमरा लगाने की घटना। स्कूल प्रशासन पर यह आरोप लगाया जा रहा है कि उन्होंने बच्चों की निजता का उल्लंघन किया है, जो शिक्षा के माहौल में स्वीकार्य नहीं है। इसके साथ ही, यह भी सवाल उठ रहा है कि बाथरूम जैसी निजी जगह पर कैमरा लगाने की अनुमति किसने दी थी।

स्कूल प्रशासन को इस मामले में त्वरित और पारदर्शी जांच करनी होगी, ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि भविष्य में इस तरह की घटना दोबारा न हो।

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क्या हो सकती है आगे की कार्रवाई?

इस मामले में शिक्षा विभाग ने जांच के आदेश दिए हैं और अधिकारियों का कहना है कि यदि कोई दोषी पाया जाता है, तो उसे कड़ी सजा दी जाएगी। स्कूल के प्रिंसिपल, कर्मचारियों और सभी संबंधित व्यक्तियों से पूछताछ की जाएगी। अगर यह मामला गंभीर निकला, तो स्कूल प्रशासन के खिलाफ भी सख्त कार्रवाई की जा सकती है।

स्वामी आत्मानंद इंग्लिश मीडियम स्कूल में कैमरा मिलने के बाद, यह मामला स्कूल प्रशासन और शिक्षा विभाग के लिए एक बड़ा संकट बन गया है। बच्चों की निजता की सुरक्षा सबसे अहम है, और इस घटना ने शिक्षा व्यवस्था में सुधार की आवश्यकता को और भी स्पष्ट कर दिया है। शिक्षा विभाग की त्वरित कार्रवाई से उम्मीद है कि इस मामले में जल्द ही निष्कर्ष तक पहुंचा जाएगा और भविष्य में ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए ठोस कदम उठाए जाएंगे।

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