आगरा:- घर मे घुसकर जानलेवा हमले और फायरिंग करते हुए जान से मारने की धमकी देने के मामले में पुलिस ने पूर्व बसपा को-ऑर्डिनेटर के मौजूदा पार्षद के साथ मे सरकारी अध्यापक भाइयो के साथ मे ड्राइवर और रिश्तेदार के खिलाफ उच्चाधिकारियों से मामले की शिकायत करने के बाद सोमवार रात में गंभीर धाराओं में मुकदमा पंजीकृत किया गया है।
थाना ट्रांसयमुना के विद्या नगर कॉलोनी जगदम्बा इंटर कॉलेज के पास रहने वाले विकास कुमार पुत्र श्री सुरेश चंद भाजपा से प्रगणित भारतीय श्रमिक कामगार कर्मचारी महासंघ आगरा से जिला अध्यक्ष हैं। इसी वार्ड के बसपा पार्टी से मौजूदा पार्षद यशपाल सिंह अपने दोनों भाइयों विक्रम सिंह और सिद्धार्थ सिंह जो कि सरकारी टीचर हैं। इनका एक रिश्तेदार दिनेश कुमार जो कि (PAC)15 बटालियन आगरा में तैराकी में तैनात है। पार्षद यशपाल सिंह के दोनों बेटे विधान सिंह और गोलू के द्वारा आए दिन पीड़ित और उसके परिवारीजनों को जान से मारने की धमकी दी जाती है। पीड़ित के पास एक ऑटो है जिसको उसका ड्राइवर चलाता है। बीते बुधवार की शाम लगभग सवा 6 बजे को ड्राइवर ऑटो लेकर काम पर जा रहा था। घर के आने जाने का रास्ता पार्षद के घर के सामने से होकर गुजरता है तभी दिनेश कुमार ने ऑटो रुकवाकर चालक को गंदी-गंदी गालियाँ देना शुरू कर दिया। उसी समय पीड़ित भी मौके पर पहुँच गया और गालियाँ देने का कारण पूछने लगा इसी बात से आग बबूला होकर दिनेश सिंह उसको भी गालियाँ देते ढेर करने की धमकी देते हुए घर से तमंचा और डंडे लेने के लिए बढ़ा। स्तिथि को भाँपते हुए पीड़ित विकास मौके से भागकर अपने घर की ओर आ गया।
उसी दिन की रात 8 बजे करीब पार्षद यशपाल सिंह अपने दोनों भाइयों विक्रम सिंह, सिद्धांत सिंह, विधान सिंह और गोलू , दिनेश कुमार, प्रशांत कुमार अन्य गुंडों के साथ मे लाठी, डंडे और तमंचों से लैश होकर पीड़ित विकास कुमार के घर की तरफ आए और पीड़ित तथा उसके भाई पंकज कुमार उसके पिताजी सुरेशचंद के साथ मारपीट शुरू कर दी और पीड़ित के डेढ़ माह के बच्चे को गोद मे से छीनकर जमीन पर पटक दिया। आरोप है कि इस दौरान बीच बचाव करने आई पीड़ित की बहन के साथ विक्रम सिंह और सिद्धांत सिंह द्वारा गाली गलौज करते हुए कपड़े फाड़कर छेड़छाड़ की गई। विक्रम सिंह द्वारा अपने प्राइवेट हथियार से फायरिंग की गई तो वहीं दिनेश कुमार और सिद्धांत सिंह द्वारा तमंचों से फायरिंग करते हुए जान से मारने की धमकी देते हुए कहीं भी शिकायत करने पर दोनों भाइयों की लाश न मिलने तक कि बड़ी धमकी दे दी गई।
थाना पर सुनवाई न होने के बाद पीड़ित अपने परिजनों के साथ आगरा पुलिस कमिश्नर से मामले की शिकायत करने पहुँचा। सीपी के आदेश बाद थाने पर मामले में मुकदमा पंजीकृत किया गया है।