असल में, दोनों विधायकों की आपत्ति इस बात को लेकर थी कि पहली बार विधायक चुनी गईं बाह की विधायक रानी पक्षालिका सिंह को मंच पर स्थान दिया गया, जबकि वे खुद कई बार के विधायक होने के बावजूद नीचे बैठाए गए थे। विधायक बाबूलाल और छोटेलाल वर्मा ने इसे अपमान मानते हुए मंच पर जाने की कोशिश की और बगावत कर दी।
इस विरोध के कारण सम्मेलन में काफी देर तक हलचल रही। विधायक बाबूलाल और वर्मा ने कहा कि एक बार के विधायक को मंच पर जगह दी गई है जबकि वे स्वयं कई बार के विधायक होने के बावजूद नीचे बैठाए गए। हालांकि, उन्होंने सीधे तौर पर रानी पक्षालिका सिंह का नाम नहीं लिया, लेकिन उनके इशारे से यह साफ था कि वे उन्हीं की बात कर रहे थे।
जब दोनों विधायक अपना विरोध दर्ज करते हुए कार्यक्रम का बहिष्कार करने लगे, तो आयोजक और पंचायत राज मंत्रालय के अधिकारी दौड़कर उनके पास पहुंचे। विधायक पुरुषोत्तम खंडेलवाल ने भी इन दोनों को शांत करने की कोशिश की, जिससे मामला शांत हो पाया।
इस घटना के बाद सम्मेलन की कार्यवाही में व्यवधान पड़ा, लेकिन अधिकारियों की कोशिशों से मामला सुलझा लिया गया। वहीं, सम्मेलन के आयोजक इस विवाद को लेकर सख्त रुख अपनाने से बचते दिखे।