- दिल्ली, आंध्र प्रदेश, ऑस्ट्रेलिया की आबादी से भी अधिक श्रद्धालु
- सरकार ने की हैं व्यापक तैयारियां
- अमृत स्नान का महत्व और धार्मिक मान्यताएं
प्रयागराज: महाकुंभ 2025 में मौनी अमावस्या पर एक विश्व रिकॉर्ड बनने जा रहा है। अनुमान के मुताबिक, 29 जनवरी को प्रयागराज में संगम पर 8 से 10 करोड़ श्रद्धालु स्नान करने आएंगे। यह संख्या दिल्ली, आंध्र प्रदेश, ऑस्ट्रेलिया जैसी कई देशों की आबादी से भी अधिक है।
मौनी अमावस्या का हिंदू धर्म में विशेष महत्व है। मान्यता है कि इस दिन गंगा स्नान करने से सभी पाप धुल जाते हैं। इस दिन लाखों श्रद्धालु संगम में डुबकी लगाने के लिए आते हैं।
सरकार की तैयारियां
इतनी बड़ी संख्या में श्रद्धालुओं को संभालने के लिए सरकार ने व्यापक तैयारियां की हैं। सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए गए हैं। यातायात व्यवस्था को सुचारू बनाने के लिए विशेष योजना बनाई गई है।
मौनी अमावस्या का महत्व
मौनी अमावस्या को अमृत स्नान के रूप में भी जाना जाता है। मान्यता है कि इस दिन स्नान करने से मोक्ष की प्राप्ति होती है। नागा साधुओं के लिए भी यह दिन विशेष महत्व का होता है।
विश्व रिकॉर्ड
मौनी अमावस्या पर एक स्थान पर इतनी बड़ी संख्या में लोगों के एकत्र होने का यह विश्व रिकॉर्ड होगा। यह भारत की धार्मिक और सांस्कृतिक विरासत का प्रमाण है।