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नरक को धरती पर ला दूंगा: कर्नल सोफिया कुरैशी मामले में हाईकोर्ट का सख्त रुख, मंत्री पर FIR का आदेश

Dharmender Singh Malik
4 Min Read
नरक को धरती पर ला दूंगा: कर्नल सोफिया कुरैशी मामले में हाईकोर्ट का सख्त रुख, मंत्री पर FIR का आदेश

जबलपुर: मध्य प्रदेश उच्च न्यायालय ने भारतीय सेना की कर्नल सोफिया कुरैशी के खिलाफ आपत्तिजनक टिप्पणी करने वाले बीजेपी मंत्री कुंवर विजय शाह के खिलाफ सख्त रुख अपनाया है। न्यायालय ने मंत्री के खिलाफ तत्काल एफआईआर दर्ज करने का आदेश देते हुए कहा कि अगर आदेश का पालन नहीं हुआ तो “नरक को धरती पर ला दूंगा”।

न्यायमूर्ति श्रीधरन का सख्त लहजा

न्यायमूर्ति अतुल श्रीधरन और न्यायमूर्ति अनुराधा शुक्ला की खंडपीठ ने इस मामले में स्वतः संज्ञान लेते हुए सुनवाई की। सुनवाई के दौरान न्यायमूर्ति श्रीधरन ने महाधिवक्ता प्रशांत सिंह से कहा, “इस कोर्ट के आदेश को लागू करने के लिए, मैं जरूरत पड़ने पर नरक को धरती पर ला दूंगा। मैं सुनिश्चित करूंगा कि यह हो।” उन्होंने आगे कहा, “मैं कोई बहाना नहीं सुनूंगा। सुनिश्चित करें कि यह हो। अन्यथा मैं आपको विश्वास दिलाता हूं, मैं वादा करता हूं, राज्य को अत्यधिक शर्मिंदगी का सामना करना पड़ेगा और मुझे इसकी परवाह नहीं है।”

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कर्नल कुरैशी के खिलाफ आपत्तिजनक टिप्पणी

न्यायालय ने कहा कि मंत्री शाह ने कर्नल कुरैशी के खिलाफ “गंदी भाषा” का इस्तेमाल किया है। उन्होंने कर्नल कुरैशी को “आतंकवादियों की बहन” कहा, जिन्होंने पहलगाम में 26 निर्दोष भारतीयों की हत्या की थी। न्यायालय ने कहा कि उनकी टिप्पणियां न केवल संबंधित अधिकारी के लिए अपमानजनक और खतरनाक हैं, बल्कि सशस्त्र बलों के लिए भी हैं।

भारतीय न्याय संहिता की धाराओं का उल्लेख

न्यायालय ने मंत्री के खिलाफ भारतीय न्याय संहिता (BNS) की विभिन्न धाराओं का उल्लेख किया, जिनका प्रथम दृष्टया मंत्री द्वारा उल्लंघन किया गया है। विशेष रूप से, न्यायालय ने BNS की धारा 152 का उल्लेख किया, जो भारत की संप्रभुता, एकता और अखंडता को खतरे में डालने वाली गतिविधियों को अपराध घोषित करती है। न्यायालय ने कहा कि मंत्री का बयान अलगाववादी भावनाओं को प्रोत्साहित करता है, क्योंकि यह किसी भी मुस्लिम व्यक्ति को अलगाववादी भावनाओं से जोड़ता है।

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न्यायालय ने BNS की धारा 196 का भी उल्लेख किया, जो विभिन्न समूहों के बीच दुश्मनी को बढ़ावा देने से संबंधित है। न्यायालय ने कहा कि कर्नल कुरैशी इस्लाम धर्म की अनुयायी हैं, और उन्हें आतंकवादियों की बहन कहकर अपमानित करना विभिन्न धार्मिक समूहों के बीच सामंजस्य बनाए रखने के लिए हानिकारक हो सकता है। न्यायालय ने BNS की धारा 197 का भी उल्लेख किया, जो राष्ट्रीय एकीकरण के लिए हानिकारक दावों और अभिकथनों को दंडित करती है।

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तत्काल FIR दर्ज करने का आदेश

न्यायालय ने पुलिस महानिदेशक (DGP) को निर्देश दिया कि शाह के खिलाफ BNS की विभिन्न धाराओं के तहत तुरंत FIR दर्ज की जाए। न्यायालय ने कहा कि यह काम आज शाम तक किया जाना चाहिए, अन्यथा कल कोर्ट DGP के खिलाफ अवमानना अधिनियम के तहत कार्रवाई करेगा।

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महाधिवक्ता की आपत्ति

महाधिवक्ता प्रशांत सिंह ने आदेश का पालन करने के लिए अधिक समय मांगा, लेकिन न्यायालय ने उनकी आपत्ति को खारिज कर दिया। उन्होंने कहा कि समाचार रिपोर्टों के आधार पर आदेश दिया गया है, जो पत्रकारों की व्याख्या हो सकती है। इस पर न्यायालय ने कहा कि वे यूट्यूब वेबसाइट के लिंक आदेश में डालेंगे, जहां मंत्री को “जहर उगलता हुआ” देखा जा सकता है।

मामले की अगली सुनवाई

मामले की अगली सुनवाई गुरुवार सुबह होगी। न्यायालय ने कहा कि सामग्री सभी के लिए सार्वजनिक डोमेन में उपलब्ध है।

 

 

 

 

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Editor in Chief of Agra Bharat Hindi Dainik Newspaper
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