राजस्थान के भरतपुर में बाबा साहब अंबेडकर की प्रतिमा लगाने को लेकर बवाल खड़ा हो गया। ये बवाल 12 अप्रैल की रात इतना बढ़ गया कि दंगे जैसे हालात लगने लगे। दो जातियों ने आपसी संघर्ष में न केवल जमकर आगजनी और चक्का जाम किया, बल्कि पुलिस पर तीन बार पथराव भी किया। कई पुलिसकर्मी इस उपद्रव के बीच फंस गए। पुलिस ने अतिरिक्त फोर्स मंगाकर हालात को काबू करने की कोशिश की। उपद्रवियों को तितर-बितर करने के लिए उसे आंसू गैस के गोले छोड़ने पड़े।
गौरतलब है कि राजस्थान में इस साल विधानसभा चुनाव होने हैं। इसके मद्देनजर यहां नेता तरह-तरह की गतिविधियों को अंजाम दे रहे हैं। इस बीच नदबई से कांग्रेस विधायक जोगेंद्र सिंह अवाना ने हाल ही में घोषणा की थी कि वे यहां के एक चौराहे पर बाबा साहब अंबेडकर की मूर्ति लगवाएंगे। उनकी घोषणा होते ही जाट समाज ने इसका विरोध किया। जाट समाज ने यहां भरतपुर संस्थापक महाराजा सूरजमल की मूर्ति लगाने की मांग की।
धरने पर बैठ गए प्रदर्शनकारी
इसके बाद जाट समाज के कुछ सदस्य कांग्रेस विधायक जोगेंद्र सिंह अवाना के खिलाफ 12 अप्रैल को धरने पर बैठ गए। अचानक इन प्रदर्शनकारियों ने सड़क पर चक्का जाम शुरू कर दिया। उसके बाद बीच सड़क पर आकर उपद्रव करने लगे। उनके उपद्रव से वहां से निवासियों के होश उड़ गए। लोगों ने तुरंत इस बवाल की सूचना पुलिस को दी। सूचना मिलते ही पुलिस पहुंची और प्रदर्शनकारियों को रोकने की कोशिश की। लेकिन, वह नहीं माने. उन्होंने पुलिस की गाड़ियों पर ही पथराव करना शुरू कर दिया।
पुलिस ने छोड़े आंसू गैस के गोले
इसके बाद पुलिस ने भीड़ को तितर-बितर करने के लिए आंसू गैस के गोले छोड़े। पुलिस ने जैसे-तैसे हालातों को काबू कर लिया। लेकिन, एक बार फिर देर रात बैलारा चौराहे के पास ही लोगों ने सड़क की पुलिया को क्षतिग्रस्त कर दिया। इस वजह से कुछ पुलिसकर्मी वहां फंस गए। उन्हें प्रदर्शनकारियों ने घेर लिया। फिलहाल इलाके में तनावपूर्ण माहौल है। भारी संख्या में पुलिस फोर्स तैनात की गई है। इस मसले को लेकर देर रात को पुलिस और प्रशासन के अधिकारियों ने उच्च स्तरीय बैठक भी की।