आगरा: लूट और बरामदगी के मामले में मनीष और रितिक को साक्ष्य के अभाव में अदालत ने बरी कर दिया है। विशेष न्यायाधीश दस्यु प्रभावी क्षेत्र रनवीर सिंह ने मामले की सुनवाई करते हुए दोनों आरोपियों को आरोपों से मुक्त कर दिया।
मामला थाना सदर बाजार में दर्ज एक लूट के मुकदमे का है, जिसमें वादी सुनील कुमार शर्मा ने 11 नवम्बर 2022 को अपनी बहन श्रीमती संध्या और भांजी मनी सिधेश्वरी मंदिर में पूजा अर्चना करने के बाद घर लौटते समय लूट की घटना का आरोप लगाया था। वादी ने तहरीर में बताया था कि उसकी भांजी ने फोन पर बात करने के लिए मोबाइल निकाला, तभी पीछे से आए दो युवकों ने उनका मोबाइल छीन लिया और गुरुद्वारा वाली गली में भाग गए।
वादी की तहरीर पर पुलिस ने मुकदमा दर्ज कर विवेचना शुरू की। पुलिस ने मनीष और रितिक को हिरासत में लेकर उनके कब्जे से लूटा गया मोबाइल बरामद किया और उन्हें जेल भेज दिया। लेकिन जब गवाही का दौर शुरू हुआ, तो वादी मुकदमा, उसकी बहन और भांजी ने अदालत में बयान दिया कि इन दोनों आरोपियों ने घटना को अंजाम नहीं दिया।
इसके अलावा, सीसीटीवी कैमरों की रिकॉर्डिंग में जो तस्वीरें सामने आईं, उसमें भी आरोपियों की पहचान नहीं हो पाई। आरोपियों के अधिवक्ता नगेंद्र सिंह कुशवाह और गुफरान अंसारी ने अदालत में यह तर्क रखा कि साक्ष्य और गवाहों के बयान के आधार पर आरोपियों को दोषी ठहराना उचित नहीं है।
अंततः, अदालत ने साक्ष्य के अभाव में मनीष और रितिक को बरी कर दिया और उन्हें सभी आरोपों से मुक्त कर दिया।