हिमाचल प्रदेश में साइबर ठगी का प्रकोप: 7 महीनों में 44 करोड़ रुपये का नुकसान

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शिमला: हिमाचल प्रदेश में साइबर ठगी के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं। राज्य में पिछले सात महीनों में साइबर अपराधियों ने लोगों से 44 करोड़ रुपये से अधिक की ठगी कर ली है। यह आंकड़ा बेहद चिंताजनक है और राज्य के लोगों को साइबर सुरक्षा के प्रति जागरूक होने की आवश्यकता है।

हर दूसरे दिन हो रही है ठगी:

राज्य में साइबर क्राइम की घटनाएं इतनी बढ़ गई हैं कि अब हर दूसरे दिन कोई न कोई व्यक्ति साइबर ठगी का शिकार हो रहा है। राज्य के साइबर क्राइम सेल के आंकड़ों के अनुसार, पिछले चार वर्षों की तुलना में इस वर्ष साइबर क्राइम के मामले चार गुना बढ़ गए हैं।

साइबर ठगों के नए तरीके:

साइबर ठग लगातार नए-नए तरीकों से लोगों को ठगने की कोशिश कर रहे हैं। वे लोगों को फोन करके, मैसेज करके या सोशल मीडिया के माध्यम से संपर्क करते हैं और उनसे उनकी व्यक्तिगत जानकारी जैसे बैंक खाते की जानकारी, ओटीपी, आदि हासिल करते हैं। इसके बाद वे इस जानकारी का उपयोग करके लोगों के बैंक खातों से पैसे निकाल लेते हैं।

साइबर ठगों के निशाने पर कौन:

साइबर ठग किसी को भी अपना निशाना बना सकते हैं। लेकिन ज्यादातर वे उन लोगों को निशाना बनाते हैं जो तकनीकी रूप से कम जानकार होते हैं। बुजुर्ग लोग, महिलाएं और बच्चे साइबर ठगी के सबसे ज्यादा शिकार होते हैं।

साइबर ठगी से बचने के उपाय:

  • अज्ञात नंबरों से आने वाले कॉल और मैसेज न उठाएं:
  • अपनी व्यक्तिगत जानकारी किसी के साथ साझा न करें:
  • अपने मोबाइल फोन में सुरक्षा के लिए मजबूत पासवर्ड का उपयोग करें:
  • अपने बैंक खाते की नियमित रूप से जांच करें:
  • किसी भी संदिग्ध गतिविधि पर तुरंत अपनी बैंक या पुलिस को सूचित करें:
  • साइबर सुरक्षा के बारे में जागरूक रहें:

पुलिस की कार्रवाई:

राज्य पुलिस साइबर अपराधों पर अंकुश लगाने के लिए लगातार प्रयास कर रही है। पुलिस ने साइबर ठगों के खिलाफ कई अभियान चलाए हैं और कई लोगों को गिरफ्तार भी किया है। इसके अलावा, पुलिस लोगों को साइबर सुरक्षा के बारे में जागरूक करने के लिए भी कई कार्यक्रम आयोजित कर रही है।

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Editor in Chief of Agra Bharat Hindi Dainik Newspaper
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