विश्व पुस्तक दिवस पर “उपहार संदेश का“ पुस्तक परिचर्चा, जो पढ़ते हैं, वो बढ़ते हैं: पद्म श्री डॉ. बी.के.एस संजय

Dharmender Singh Malik
5 Min Read

देहरादून। संजय ऑर्थोपीडिक, स्पाइन एवं मैटरनिटी सेंटर एवं सेवा सोसाइटी के द्वारा विश्व पुस्तक दिवस के अवसर पर पद्म श्री डाॅ. बी. के. एस. संजय की प्रथम काव्य संग्रह ”उपहार संदेश का” पुस्तक की चर्चा कार्यक्रम का आयोजन किया गया। डाॅ. संजय ने कार्यक्रम के मुख्य अतिथि, विशिष्ट अतिथि, सारस्वत अतिथि, आर्युवेद काॅलेज के छात्र, मास-मीडिया एवं संस्था के सभी कर्मचारियों का आभार प्रकट किया।

प्रो. ओंकार सिंह, कुलपति, बीर माधो सिंह भंडारी, उत्तराखंड प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय ने कहा कि वर्तमान में पुस्तकों की जगह गूगल और सोशल मीडिया ने ले ली है। वर्तमान युवा अपनी मौलिक सोच को समाप्त कर रहा है। साहित्य हमें मौलिकता से जोड़ती है। आज शिक्षा का व्यवसायीकरण हो गया है और हर किसी व्यक्ति को प्रयास करना चाहिए कि हम अपने युवाओं के लिए अच्छा समाज तैयार करें।

आईएएस अतिरिक्त मुख्य सचिव उत्तराखंड श्रीमती राधा रतूड़ी जी ने डाॅ. संजय उनके परिवार एवं आए हुए सभी अतिथियों को विश्व पुस्तक दिवस की हार्दिक शुभकामनाऐं दी और उन्होंने कहा कि पुस्तकें हर व्यक्ति के जीवन का हिस्सा होना चाहिए। पूर्व पुलिस महानिदेशक उत्तराखंड, श्री अनिल रतूड़ी, आईपीएस ने कहा कि डाॅ. संजय की कविताओं में वैज्ञानिक तथ्यों में भी भाव सौंदर्य दिखता है। लेखक पुस्तकें लिखते हैं और उसके पश्चात उनकी उनकी पुस्तक जीवन पर्यंत एक जीवन दर्शन का काम करती है।

See also  आगरा: 47 साल की महिला 22 साल के युवक के प्यार में दीवानी, तीन बच्चों को छोड़कर हुई फरार!

काव्य संग्रह “उपहार संदेश का” के रचियता पद्म श्री डाॅ. बी. के. एस. संजय ने कहा कि लोगों को उपहार के तौर पर पुस्तकें देने की आदत डालनी चाहिए क्योंकि पुस्तकें एक पीढ़ी की ही नहीं कई पीढ़ियों की सृजक होती हैं। उन्होंने यह भी कहा कि जो पढ़ते हैं, वो बढ़ते हैं। दिल्ली के वरिष्ठ साहित्यकार श्री जनार्दन मिश्र ने कहा कि डॉ. संजय की कविताएं श्रम और संघर्ष को भली-भांति दर्शाती हैं।

डॉ. संजय की संवेदनशीलता और अनुभव व्यापक है जैसे “फैलाव“, “भूख“, “पुस्तकें“ आदि कविताओं में भली-भांति दिखाया गया है। विदुषी सुश्री डॉ. सुधा रानी पांडे, पूर्व कुलपति, संस्कृत विश्वविद्यालय, हरिद्वार ने कहा कि मुझे आशा है कि कवि डाॅ. संजय ने “घर“ कविता में गांव के घर और शहर के सुविधापूर्ण बड़े घर के सुख-दुःख का द्वंद पाठकों को निश्चित ही द्रवित करने वाला भाव है।

See also  आगरा में 'ऑपरेशन सिंदूर' का जोश: BJP युवा मोर्चा की तिरंगा यात्रा में पाकिस्तान के खिलाफ फूटा गुस्सा, गूंजे देशभक्ति के नारे

वरिष्ठ कवि एवं साहित्यकार असीम शुक्ला जी ने “उपहार संदेश का” को पूरे विवेक एवं निर्भीकता के साथ लिखी कविता संग्रह बताया। डॉ. संजय की कविताओं की लय एवं गत्यात्मकता मनुष्य की चेतना से अछूती नहीं रहती। साहित्यकार अम्बर खरबंदा ने कहा किताबों से अच्छा ज्ञान का भंडार और कुछ नहीं हो सकता है। हमें किताबों का शौक होना चाहिए और निरंतर पुस्तकों से वार्तालाप करनी चाहिए।

राज्यसभा की अनुवादक डाॅ. दर्शनी प्रिय ने कहा कि डाॅ. संजय की अधिकांशतः रचनाऐं कविताऐं ही नहीं एक दर्शन हैं। डॉ. नवानी ने कहा की पुस्तकों को पढ़ना चाहिए उनका सम्मान करना चाहिए और उनसे प्रेम करना चाहिए क्योंकि पुस्तकें ही हमारे जीवन को बनाती हैं। भगीरथ शर्मा ने कहा कि डॉ. संजय की कविताओं का भाव सबको प्रेरित करते हैं। संजय की कविता नमस्कार किसी परिचित अपरिचित को नम्र बनने की प्रेरणा देती है। डाॅ. योगेन्द्र नाथ शर्मा “अरूण“ ने कहा कि पुस्तकें केवल पुस्तकें ही नहीं बल्कि हमारी माँ हैं क्योंकि पुस्तकें हमारे समाज की निर्माता हैं।

See also  एटा न्यूज: दूसरे दिन भी हडताल पर रहे अधिवक्ता, बैनामा लेखक हडताल के कारण नहीं हो पा रहे हैं बैनामे

डाॅ. गौरव संजय ने आए हुए सभी अतिथियों एवं महानुभावों का धन्यवाद ज्ञापित किया। पद्मश्री कल्याण सिंह रावत, पद्मश्री बसंती देवी, पद्मश्री अजीता श्रीवास्तव, पद्मश्री बसंती बिष्ट, लेखक राम विनय सिंह, जसवीर सिंह हलदर, अरुण पाठक एवं आकाशवाणी के उद्घोषक श्री अनिल भारती ने पुस्तक पर अपने अपने विचार व्यक्त किए। कार्यक्रम के दौरान संजय नौटियाल, पार्षद, शिवमोहन सिंह, डाॅली डबराल, तारा चंद गुप्ता, नीलू गोयल, विजेन्द्र सिंह, डाॅ. एस. एन. सिंह, सचिन जैन, मधु जैन, योगेश अग्रवाल आदि मौजूद रहे।

See also  ED का खौफनाक स्कैम: घुंघरू सेठ बना शिकार, 23 लाख रुपये की चोट, पढ़िए पूरा मामला
Share This Article
Editor in Chief of Agra Bharat Hindi Dainik Newspaper
Leave a Comment

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Advertisement