कानपुर, उत्तर प्रदेश: यूपी के कानपुर जिले में एक ऑटो चालक द्वारा पुलिसकर्मियों के साथ हुई बदसलूकी के खिलाफ उठाई गई आवाज प्रशासन ने पूरी संवेदनशीलता से सुनी। हनुमंत विहार निवासी राकेश नामक ऑटो चालक ने शुक्रवार को जनसुनवाई में रोते हुए अपनी पीड़ा जिलाधिकारी (डीएम) जितेंद्र प्रताप सिंह के सामने रखी। राकेश ने बताया कि नौबस्ता इलाके में जाम के दौरान एक पुलिसकर्मी ने उसे न केवल डंडे से मारा, बल्कि अपशब्द कहकर उसका अपमान भी किया और ऑटो को भी नुकसान पहुँचाया।
शिकायत पर तत्काल कार्रवाई
राकेश ने अपनी शिकायत थाने में दर्ज कराई थी, लेकिन वहां से कोई संतोषजनक कार्रवाई नहीं हुई। परेशान होकर उसने अपनी बात जिलाधिकारी तक पहुँचाने का निर्णय लिया और जनसुनवाई में भाग लिया। डीएम जितेंद्र प्रताप सिंह ने राकेश की शिकायत को गंभीरता से लिया और उसकी बात को सुना। राकेश को न केवल सांत्वना दी गई, बल्कि उसे गणतंत्र दिवस समारोह में विशेष अतिथि के रूप में आमंत्रित किया गया। जिलाधिकारी ने यह स्पष्ट किया कि यह सिर्फ एक व्यक्ति का मामला नहीं है, बल्कि इसका संदेश यह है कि प्रशासन नागरिकों के आत्मसम्मान के साथ खड़ा है।
गणतंत्र दिवस पर सम्मान
राकेश को 26 जनवरी को होने वाले झंडारोहण समारोह में आमंत्रित किया गया, जहां उसे विशेष अतिथि के रूप में सम्मानित किया जाएगा। डीएम जितेंद्र प्रताप सिंह ने कहा कि इस मामले की पूरी गंभीरता से जांच की जा रही है और एडिशनल डीसीपी ट्रैफिक इस मामले की जांच कर रहे हैं। उन्होंने यह भी कहा कि दोषी पुलिसकर्मी के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी, ताकि भविष्य में इस प्रकार की घटनाओं को रोका जा सके।
राकेश ने जताया आभार
राकेश ने इस सम्मान पर अपनी खुशी जताई और कहा, “मैंने कभी नहीं सोचा था कि मेरी शिकायत पर इतना बड़ा कदम उठाया जाएगा। डीएम साहब ने जो सम्मान दिया है, उससे मेरा आत्मविश्वास लौट आया है। यह घटना साबित करती है कि जब प्रशासन संवेदनशील होता है तो नागरिकों का विश्वास मजबूत होता है।”
प्रशासन की संवेदनशीलता
कानपुर के नए जिलाधिकारी जितेंद्र प्रताप सिंह ने इस घटना में संवेदनशीलता दिखाते हुए राकेश के आत्मसम्मान को महत्व दिया। इस मामले ने यह साबित कर दिया कि प्रशासन यदि नागरिकों की परेशानियों को सुनता है और उस पर कार्रवाई करता है, तो वह जनता का भरोसा और विश्वास बढ़ाता है।
कानपुर पुलिस के खिलाफ कार्रवाई की उम्मीद
यह घटना कानपुर पुलिस के लिए एक चेतावनी है, क्योंकि ऐसे मामलों में सार्वजनिक शालीनता के उल्लंघन के बाद सख्त कार्रवाई की आवश्यकता होती है। प्रशासन ने यह स्पष्ट कर दिया कि किसी भी नागरिक के साथ गलत व्यवहार सहन नहीं किया जाएगा और पुलिसकर्मियों को कानून के दायरे में रहकर कार्य करना होगा।