हाथरस: जिलाधिकारी राहुल पांडेय के निर्देश पर कृषि विभाग और पुलिस की संयुक्त टीम ने सासनी कोतवाली क्षेत्र के एक गांव में छापेमारी कर नकली खाद बनाने और उसका अवैध भंडारण करने वाली फैक्ट्री का भंडाफोड़ किया है। इस छापेमारी में करीब 30 लाख रुपये का नकली खाद और मशीनें जब्त की गई हैं, जो कृषि विभाग के अधिकारियों के लिए एक बड़ी सफलता मानी जा रही है।
नकली खाद और मशीनों का हुआ खुलासा
कृषि विभाग के अधिकारियों ने बताया कि छापेमारी के दौरान फैक्ट्री में बिना लाइसेंस के डीएपी, यूरिया और पोटाश का उत्पादन किया जा रहा था। मौके पर करीब 400 कट्टे डीएपी पहले से पैक किए हुए थे और तीन ट्रकों में माल भरने का काम चल रहा था। जैसे ही टीम ने फैक्ट्री पर छापा मारा, वहां अफरातफरी मच गई। कृषि विभाग की टीम ने लगभग 2000 कट्टे नकली डीएपी, यूरिया और पोटाश, यूरिया पाउडर बनाने की मशीनें और तीन ट्रक माल जब्त किए हैं।
फैक्ट्री संचालकों के पास नहीं था लाइसेंस
जिला कृषि अधिकारी आरके सिंह ने बताया कि फैक्ट्री संचालकों के पास न तो खाद के भंडारण का लाइसेंस था और न ही खाद का उत्पादन करने का लाइसेंस। जब्त किए गए नकली खाद की अनुमानित कीमत लगभग 30 लाख रुपये है। इसे अब राजकीय गोदाम में सुरक्षित रख लिया गया है, ताकि आगे की कार्रवाई की जा सके।
कृषि विभाग की कड़ी कार्रवाई
यह छापेमारी कृषि विभाग और पुलिस की संयुक्त कार्रवाई का हिस्सा है, जिसमें कड़ी निगरानी और जांच के बाद यह सफलता हासिल की गई है। जिले में नकली खाद के कारोबार पर लगाम लगाने के लिए कृषि विभाग अब और भी सख्त कदम उठाने की योजना बना रहा है।
किसानों को मिलेगा लाभ
इस कार्रवाई से किसानों को राहत मिल सकती है, क्योंकि नकली खादों के चलते किसानों को नुकसान हो सकता था। जिला प्रशासन की यह कार्रवाई सुनिश्चित करती है कि किसानों को गुणवत्तापूर्ण खाद ही मिले और वे धोखाधड़ी से बच सकें।
इस मामले में आगे की जांच जारी है और दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी। साथ ही कृषि विभाग और पुलिस की संयुक्त टीम ने इस तरह की और छापेमारी करने की योजना बनाई है, ताकि नकली खाद के कारोबार पर पूरी तरह से रोक लगाई जा सके।