मुजफ्फरनगर की राजनीति में एक अनोखा किस्सा है, जहां एक ही कॉलेज ने तीन पीढ़ियों को राजनीति में ला खड़ा किया। जी हां, हम बात कर रहे हैं मलिक परिवार की, जिनके तीन सदस्य – दादा, पिता और पुत्र – ने डीएवी कॉलेज से अपनी पढ़ाई के साथ-साथ राजनीतिक सफर की शुरुआत की।
मुजफ्फरनगर की राजनीति में एक पिता-पुत्र की जोड़ी का सफर वास्तव में दिलचस्प है। दोनों ने एक ही कॉलेज में दाखिला लिया, वहां छात्र राजनीति से शुरुआत की, वकालत की पढ़ाई की, और फिर एक ही विधानसभा सीट से विधायक बने। आइए जानते हैं यह पिता-पुत्र कौन हैं।
1985 में हरेंद्र मलिक ने मुजफ्फरनगर की राजनीति में कदम रखा और खतौली विधानसभा सीट से विधायक बने। उन्होंने चार बार विधानसभा चुनाव जीते और एक बार राज्यसभा के सदस्य भी रहे। वर्तमान में हरेंद्र मलिक समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव के रूप में काम कर रहे हैं।
हरेंद्र मलिक और उनके बेटे पंकज मलिक की राजनीति में समानताएँ हैं। हरेंद्र मलिक ने मुजफ्फरनगर के प्रतिष्ठित डीएवी कॉलेज में एलएलबी की पढ़ाई की और यहीं से छात्र राजनीति में कदम रखा। इसके बाद, उन्होंने डीएवी कॉलेज से एलएलबी की डिग्री पूरी की और बघरा विधानसभा सीट (अब चरथावल) से विधायक बने।
इसके बाद, उनके बेटे पंकज मलिक ने भी डीएवी कॉलेज में एलएलबी की पढ़ाई की और छात्र राजनीति में सक्रिय हो गए। पंकज मलिक ने अपनी वकालत की पढ़ाई के दौरान बघरा विधानसभा सीट पर उपचुनाव में प्रत्याशी के रूप में उतरने का निर्णय लिया, हालांकि इस चुनाव में उन्हें हार का सामना करना पड़ा। फिर 2007 में, वकालत की डिग्री पूरी करने के बाद, पंकज मलिक ने एक बार फिर बघरा सीट पर चुनाव लड़ा और जीत हासिल की।
यह एक अद्भुत संयोग है कि हरेंद्र मलिक ने डीएवी कॉलेज से छात्र राजनीति शुरू की, वकालत की डिग्री प्राप्त की, और बघरा विधानसभा सीट से विधायक बने। उनके बेटे पंकज मलिक ने भी इसी रास्ते पर चलते हुए डीएवी कॉलेज में दाखिला लिया, छात्र नेता के तौर पर राजनीति में कदम रखा, वकालत की डिग्री प्राप्त की, और बघरा विधानसभा सीट से चुनाव जीतने में सफल रहे।
क्या है इस परिवार की खासियत?
एक ही कॉलेज, एक ही राह:
डीएवी कॉलेज इस परिवार के लिए सिर्फ एक शिक्षण संस्थान नहीं, बल्कि राजनीतिक करियर का प्रारंभ स्थल रहा है।
छात्र राजनीति से विधानसभा तक:
तीनों सदस्यों ने कॉलेज में छात्र राजनीति से शुरुआत की और फिर विधानसभा तक का सफर तय किया।
बाप-बेटे की जोड़ी:
हरेंद्र मलिक और पंकज मलिक की जोड़ी मुजफ्फरनगर की राजनीति में एक मजबूत दमदार छवि रखती है।