जिस कॉलेज में दादा-पिता माली वहीं स्टूडेंट यूनियन का प्रेसीडेंट बना पोता

Dharmender Singh Malik
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नई दिल्ली। जिस बच्चे के पिता देश की राजधानी दिल्ली में स्थित जिस सेंट स्टीफंस कॉलेज में माली हों। दादा पहले इसी सेंट स्टीफेंस कॉलेज में माली रह चुके हों। इसी कॉलेज के सर्वेंट क्वार्टर्स में पले-बढ़े बच्चे के सपनों ने उड़ान भरी हो। आम इंसानी दुनिया में उसके अरमानों के बारे में भला कोई क्या और कितना ऊंचा सोचेगा? यही न कि बाप-दादा की मानिंद किसी गली-कूंचे के स्कूल में थोड़ा-बहुत पढ़-पढ़ाकर बेटा और पोता भी कहीं मालीगिरी ही कर लेगा।

नहीं ऐसा सोचने की गलती मत करिए। यह आपका-हमारा कोरा भ्रम ही सिद्ध होगा। कैसे और क्यों इसकी जानने के लिए जरूरी है जिंदगी की जद्दोजहद से जूझकर तमाम भीड़ में रहते हुए भी खुद को भीड़ से अलग साबित कर डालने वाले पंकज यादव से। यह जानने को कि आखिर दिल्ली यूनिवर्सिटी के जिस सेंट स्टीफेंस से बिरले कॉलेज में दादा-पिता ने तमाम उम्र मालीगरी की हो पंकज यादव उसी सेंट स्टीफंस कॉलेज की स्टूडेंट्स यूनियन के ‘प्रेसीडेंट’ आखिर कैसे बन सके? यूं तो ऐसे बिरले पंकज यादव पर जितना लिखा-पढ़ा सुना-सुनाया जाए वो सब कम ही होगा। क्योंकि इरादों के अटल मगर अदना से पंकज यादव ने तो वो कर डाला है जिसे सुन देखकर इस मायावी दुनिया में हर कोई हैरत में है।

जिक्र उन्हीं पंकज यादव का जो इस वक्त पढ़ रहे हैं दिल्ली विश्वविद्यालय के अंतर्गत संचालित सेंट स्टीफंस कॉलेज में। वही सेंट स्टीफंस कॉलेज जिसके दर-ओ-दीवार या जिसकी हदों के अंदर जा समाने का सपनाहिंदुस्तान से विशाल लोकतांत्रिक देश के हर होनहार विद्यार्थी का होता ही है।

दरअसल पंकज यादव ने वार्ड कोटे और सीयूटी एग्जाम की मदद से भले ही सेंट स्टीफंस कॉलेज में हिस्ट्री पॉलिटिकल साइंस से बीए में एडमिशन अब लिया हो। इस सेंट स्टीफंस कॉलेज की मिट्टी और गोद में मगर उनका बचपन बीता है। बडे भाई ने भी यहीं से पढ़ाई की थी। पंकज के दादा यहां माली थे। बाद में पिता ने पंकज के दादा की तरह ही यहां माली-बागवानी का जिम्मा अपने कंधों पर ले लिया। जो आज भी माली के पद पर इसी सेंट स्टीफंस कॉलेज में ही तैनात हैं। उसी सेंट स्टीफंस कॉलेज में जहां उनके बेटे पंकज ने अब गाड़ दिए हैं सफलता के वो झंडे जिसकी कल्पना शायद ही दो तीन महीने पहले तक किसी ने की होगी।

अब पंकज अपने माली दादा और पिता के ही कॉलेज में न केवल स्टूडेंट हैं अपितु यहां की स्टूडेंट्स यूनियन सोसायटी के अध्यक्ष भी चुन लिए गए हैं। है न चौंकाने वाली मगर दिल्ली यूनिवर्सिटी के कॉलेजों और विद्याथियों की भीड़ में एकदम अलग सी खबर। पंकज यादव के बड़े भाई भी 2015 में चुनाव जीतकर इसी सेंट स्टीफंस कॉलेज की स्टूडेंट्स यूनियन सोसायटी के हेड बने थे। बचपन से सरकारी स्कूल में पढ़े पंकज यादव सेंट स्टीफंस कॉलेज में एडमिशन से किस कदर खुश हैं इसका अंदाजा उन्हीं की मुंहजुबानी कहानी सुनने से लग जाता है।

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Editor in Chief of Agra Bharat Hindi Dainik Newspaper
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