आगरा: दहेज उत्पीड़न और अन्य आरोपों में पति राजेश और सास श्रीमती रामा देवी को सिविल जज जूनियर डिवीजन हर्षिता ने वादिनी के गवाही न देने पर बरी कर दिया है।
ये है पूरा मामला
श्रीमती रचना ने वर्ष 2013 में अपने पति राजेश, सास श्रीमती रामा देवी और ससुर फूल सिंह के खिलाफ दहेज उत्पीड़न, मारपीट, गाली-गलौज, धमकी आदि के आरोपों में परिवाद पत्र प्रस्तुत किया था। 16 नवंबर 2016 को तत्कालीन अदालत ने वादिनी के पति, सास और ससुर को मुकदमे के विचारण के लिए तलब करने का आदेश दिया था। आरोपियों ने अदालत में हाजिर होकर जमानत कराई। वादिनी के ससुर की मृत्यु हो जाने पर अदालत ने उनके खिलाफ कार्यवाही समाप्त कर दी।
गवाही में नहीं आईं वादिनी
वादिनी द्वारा स्वयं और अपने गवाहों की गवाही दर्ज कराने के लिए अदालत में लंबे समय से हाजिर नहीं होने पर आरोपियों ने अपने अधिवक्ता पवन कुमार दिवाकर के माध्यम से 245 दंड प्रक्रिया संहिता के तहत प्रार्थना पत्र प्रस्तुत कर अदालत से खुद को उन्मुक्त (डिस्चार्ज) करने का आग्रह किया। अदालत ने उनकी याचिका स्वीकार कर ली और आरोपियों को बरी करने का आदेश देकर उन्हें राहत प्रदान की।