आगरा। उत्तर प्रदेश में एक अनूठा प्रशासनिक जोड़ा सुर्खियों में है—आईएएस मेधा रूपम और उनके पति आईएएस मनीष बंसल। यह दोनों 2014 बैच के आईएएस अधिकारी हैं और अब उत्तर प्रदेश के विभिन्न जिलों में अपनी सेवाएं दे रहे हैं। हाल ही में, मेधा रूपम को कासगंज जिले का कलेक्टर नियुक्त किया गया है, जबकि मनीष बंसल सहारनपुर के जिलाधिकारी के पद पर तैनात हैं।
मेधा रूपम की कहानी एक प्रेरणादायक यात्रा है। 21 अक्टूबर को आगरा जनपद में जन्मी मेधा ने अपने पिता, आईएएस ज्ञानेश गुप्ता से प्रेरणा लेकर सिविल सेवा में कदम रखा। केरल के कैडर में आईएएस अफसर पिता की पोस्टिंग के कारण मेधा की पढ़ाई वहीं हुई। 2008 में कक्षा 12वीं के दौरान मेधा ने शूटिंग में रुचि विकसित की और केरल की स्टेट शूटिंग चैंपियनशिप में तीन गोल्ड मेडल जीतकर रिकॉर्ड तोड़ा। इसके बाद, दिल्ली आकर उन्होंने सिविल सेवा परीक्षा की तैयारी की और 2014 में आईएएस बन गईं।
मेधा की ट्रेनिंग मसूरी में हुई और बाद में उन्हें बरेली में सहायक मजिस्ट्रेट बनाया गया। इसके बाद, मेरठ, उन्नाव, और लखनऊ में विभिन्न महत्वपूर्ण पदों पर रहते हुए उन्होंने उत्कृष्ट सेवाएं दीं। हाल ही में, उन्हें अपर मुख्य कार्यपालक अधिकारी ग्रेटर नोएडा से कासगंज जिले का कलेक्टर बनाया गया है।
उनके पति, मनीष बंसल, भी एक प्रभावशाली आईएएस अधिकारी हैं। 14 जनवरी 1990 को पंजाब में जन्मे मनीष ने अपनी प्रारंभिक शिक्षा वहीं प्राप्त की और एमटेक के बाद सिविल सेवा की तैयारी की। उनकी ट्रेनिंग मसूरी में हुई और उन्होंने बरेली, मेरठ, और उन्नाव में महत्वपूर्ण पदों पर कार्य किया। हाल ही में, मनीष बंसल को सहारनपुर जिले का जिलाधिकारी नियुक्त किया गया है, जहां वे अपने कर्तव्यों का पालन कर रहे हैं।
मेधा और मनीष बंसल की यह जोड़ी न केवल प्रशासनिक क्षेत्र में अपनी छाप छोड़ रही है, बल्कि दोनों संगीत प्रेमी भी हैं, जो अपने व्यक्तिगत और पेशेवर जीवन में संतुलन बनाए रखते हैं। यह दुर्लभ उदाहरण है जब पति-पत्नी दोनों ही एक ही बैच के आईएएस अधिकारी हों और उत्तर प्रदेश के प्रशासनिक ढांचे में महत्वपूर्ण भूमिकाएं निभा रहे हों।
आईएएस मेधा रूपम और मनीष बंसल की यह यात्रा न केवल उनकी मेहनत और समर्पण की कहानी है, बल्कि यह प्रेरणा भी देती है कि किस प्रकार एक परिवार भी अपने कर्तव्यों और पेशेवर जीवन में सफलता प्राप्त कर सकता है।