आगरा : किरावली सीएचसी में सुविधाओं का अभाव, एफआरयू यूनिट और महिला चिकित्सक के स्थानांतरण से बढ़ी चिंताएं

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किरावली सीएचसी में सुविधाओं का अभाव, एफआरयू यूनिट और महिला चिकित्सक के स्थानांतरण से बढ़ी चिंताएं

एफआरयू यूनिट अछनेरा भेजने के बाद नहीं लौटी, अब अनुभवी महिला चिकित्सक का भी हुआ तबादला

किरावली। तहसील मुख्यालय होने के कारण किरावली का सामाजिक और व्यावसायिक महत्व अत्यधिक है। सब्ज़ी मंडी मार्ग पर स्थित सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र (सीएचसी) क्षेत्र के सैकड़ों गांवों के निवासियों और हाइवे पर होने वाली दुर्घटनाओं में घायलों के लिए जीवनरक्षक साबित होता आया है। परंतु, सुविधाओं के विस्तार के बजाय यहां संसाधनों की कमी लगातार बढ़ती जा रही है।

कोरोना के बाद से लगातार उपेक्षा

कोरोना काल से पहले ही किरावली सीएचसी की हालत जर्जर थी। जलभराव और छत के क्षतिग्रस्त होने के कारण अधिकांश स्टाफ को अछनेरा पीएचसी से संबद्ध कर दिया गया, और यहां की महत्वपूर्ण फर्स्ट रेफरल यूनिट (एफआरयू) भी अछनेरा स्थानांतरित कर दी गई। तब से अब तक यह यूनिट वापस नहीं लौट पाई है।

बाद में राजनीतिक और सामाजिक प्रयासों से सीएचसी की स्थिति सुधारने का कार्य प्रारंभ हुआ। विधायक चौधरी बाबूलाल ने विशेष कोटे से मरम्मत कार्य करवाए, जिससे भवन तो सुदृढ़ हो गया, लेकिन महत्वपूर्ण स्वास्थ्य सेवाओं की बहाली नहीं हो पाई।

अनुभवी महिला चिकित्सक का स्थानांतरण, क्षेत्रवासियों में निराशा

हाल ही में किरावली सीएचसी की अनुभवी महिला चिकित्सक डॉ. वनिंदर कौर का तबादला अछनेरा कर दिया गया। अपने व्यवहार और कुशल कार्यशैली के कारण डॉ. कौर क्षेत्र में लोकप्रिय थीं, और उनकी मौजूदगी से सीएचसी की ओपीडी लगातार अच्छी स्थिति में बनी रहती थी। सूत्रों के अनुसार, किरावली सीएचसी पर डिलीवरी का आंकड़ा सकारात्मक था, जबकि अछनेरा में यह अपेक्षाकृत कम था। अछनेरा में प्रसूति सेवाओं में सुधार लाने के उद्देश्य से ही डॉ. कौर का स्थानांतरण किया गया।

एफआरयू यूनिट की बहाली पर प्रशासन चुप

भले ही किरावली सीएचसी को एफआरयू यूनिट का दर्जा प्राप्त है, लेकिन यह सुविधा अभी भी अछनेरा में संचालित हो रही है। वर्तमान में सीएचसी भवन मजबूत हो चुका है और स्टाफ की भी पर्याप्त तैनाती है, बावजूद इसके प्रशासन एफआरयू यूनिट की बहाली को लेकर कोई प्रयास नहीं कर रहा।

सीएचसी ने जिले में बनाया रिकॉर्ड, फिर भी उपेक्षा

किरावली सीएचसी ने जिले में सर्वाधिक डिलीवरी का रिकॉर्ड बनाया था। तत्कालीन अधीक्षक और वर्तमान डिप्टी सीएमओ डॉ. नंदन सिंह के कार्यकाल में बेटियों के जन्म पर सुकन्या समृद्धि योजना के तहत निजी खर्च पर खाते खुलवाने की पहल की गई थी, जिसकी चर्चा राष्ट्रीय स्तर तक हुई थी। बावजूद इसके, प्रशासनिक लापरवाही के कारण यह महत्वपूर्ण स्वास्थ्य केंद्र सुविधाओं के अभाव से जूझ रहा है।

इन्होंने कहा है।

“किरावली सीएचसी की समस्याओं का संज्ञान लिया जाएगा। एफआरयू यूनिट की वापसी और महिला चिकित्सक के स्थानांतरण को लेकर संबंधित विभागीय अधिकारियों से पत्राचार किया जाएगा। नगर पंचायत किरावली इस मुद्दे को गंभीरता से ले रही है।”
— अभिजीत सिंह, चेयरमैन प्रतिनिधि, किरावली

सवाल बरकरार

जब किरावली सीएचसी का भवन और स्टाफ दुरुस्त है, तो एफआरयू यूनिट की वापसी क्यों नहीं हो रही?

अनुभवी महिला चिकित्सक के स्थानांतरण से प्रसूति सेवाओं पर क्या असर पड़ेगा?

क्या प्रशासन किरावली सीएचसी को पुनः सशक्त बनाने के लिए कोई ठोस कदम उठाएगा?

इन सवालों के जवाब कब मिलेंगे, यह समय ही बताएगा, लेकिन फिलहाल क्षेत्र की जनता को बेहतर स्वास्थ्य सुविधाओं के लिए संघर्ष जारी रखना होगा।

 

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