मथुरा में प्रोपर्टी डीलर की हत्या के मामले में तीन आरोपियों को उम्रकैद और 20-20 हजार रुपये के जुर्माने की सजा सुनाई गई। हत्या का दोषी ठहराया गया।
मथुरा: मथुरा में एक प्रोपर्टी डीलर की हत्या के मामले में अपर सत्र न्यायाधीश न्यायालय संख्या सात के न्यायधीश प्रदीप कुमार ने तीन आरोपियों को दोषी करार देते हुए अजीवन कारावास की सजा सुनाई है। इसके साथ ही इन तीनों अभियुक्तों पर बीस-बीस हजार रुपये का जुर्माना भी लगाया गया है।
घटना का विवरण
यह मामला 27 मार्च 2013 का है, जब थाना रिफाइनरी क्षेत्र के नगला बोहरा निवासी बृज मोहन उर्फ पप्पी ने पुलिस में रिपोर्ट दर्ज कराई थी। बृज मोहन के अनुसार, उसके बड़े भाई मुखराम, जो एक प्रोपर्टी डीलर थे, की शिवदान नामक व्यक्ति के साथ जमीन को लेकर कुछ विवाद चल रहा था। इस विवाद के चलते 27 मार्च को शिवदान, बबलेश, धर्मराज और लेखराज ने मुखराम को जमीन दिखाने के बहाने आल्टो कार में बिठाया और कोयला गांव के पास स्थित आलोक के खेत में ले गए। वहां इन आरोपियों ने मुखराम को गोली मारकर हत्या कर दी और मौके से फरार हो गए।
जांच और अभियुक्तों की गिरफ्तारी
घटना की सूचना मिलने के बाद रिफाइनरी थाना पुलिस ने मामले की जांच शुरू की। पुलिस ने अभियुक्तों के खिलाफ आरोप पत्र न्यायालय में दाखिल किया। पुलिस की त्वरित कार्रवाई और जांच के बाद आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया गया और मामले की सुनवाई अपर सत्र न्यायाधीश न्यायालय संख्या सात में की गई।
साक्ष्य और गवाहों की गवाही
मुकदमे की सुनवाई के दौरान गवाहों की गवाही और पत्रावली में मौजूद साक्ष्यों के आधार पर अदालत ने तीनों अभियुक्तों को हत्या का दोषी करार दिया। अदालत ने अभियुक्तों को अजीवन कारावास की सजा सुनाई और प्रत्येक अभियुक्त पर 20 हजार रुपये का जुर्माना भी लगाया। जुर्माने की राशि जमा न करने पर अभियुक्तों को और अधिक कारावास की सजा भुगतनी होगी।
अपर सत्र न्यायाधीश का निर्णय
अपर सत्र न्यायाधीश प्रदीप कुमार ने इस मामले में सुनवाई पूरी करते हुए कहा कि यह हत्या का एक जघन्य अपराध था। अभियुक्तों ने संपत्ति विवाद के चलते निर्दोष व्यक्ति की जान ली, जो कानून और समाज के लिए एक गंभीर अपराध है। अदालत ने तीनों दोषियों को उम्रभर की सजा दी और यह सजा समाज में एक सख्त संदेश देने के उद्देश्य से दी गई है, ताकि ऐसी घटनाओं की पुनरावृत्ति न हो।
पुलिस और न्यायालय का कदम
मथुरा पुलिस द्वारा इस मामले में त्वरित कार्रवाई की गई और न्यायालय ने इस फैसले को न्यायपूर्ण बताया। इस फैसले से प्रोपर्टी डीलिंग के काम से जुड़ी व्यक्तियों को एक संदेश गया है कि कानून के हाथ बहुत लंबे हैं और अपराधियों को किसी भी कीमत पर नहीं बख्शा जाएगा।