विश्व प्रसिद्ध ताजमहल के पास स्थित ताजगंज थाना क्षेत्र में शराब माफियाओं का बोलबाला है। पुलिस की नाक के नीचे खुलेआम अवैध शराब की बिक्री हो रही है और इस पूरे मामले में पुलिस की मिलीभगत की बातें सामने आ रही हैं ताजगंज में एक परचून की दुकान पर खुलेआम अवैध शराब की बिक्री की जा रही है। स्थानीय लोगों का आरोप है कि इस दुकान का संचालन शराब माफिया पंकज कुशवाह कर रहा है। हाल ही में इस दुकान पर शराब की कीमत को लेकर हुए विवाद में जमकर बवाल हुआ था, जिसमें पथराव और फायरिंग की भी खबरें आई थीं।
आगरा। विश्व प्रसिद्ध ताजमहल धरोहर आगरा के जिस थाना क्षेत्र में स्थापित है, उसी ताजगंज थाना क्षेत्र में पुलिस की कथित सरपरस्ती में गोरखधंधे फल फूल रहे हैं। इन गोरखधंधों को संचालित करने वाले माफियाओं के कारनामे उजागर होने के बावजूद थाना पुलिस द्वारा कार्रवाई नहीं करना संदेह की स्थिति उत्पन्न कर रहा है।
आपको बता दें कि ताजगंज थाना क्षेत्र में मुख्य मार्ग पर ही शराब माफिया पंकज कुशवाह का अवैध शराब बिक्री का बड़ा सिंडीकेट चलता है। वह जिस स्थान से अवैध शराब की बिक्री करता है, वह परचून की दुकान दिखने में मामूली लगती है, लेकिन इसी परचून की दुकान पर रोजाना मोटी चांदी काटी जा रही है। उल्लेखनीय है कि कथित रूप से परचून की दुकान पर बिक रही शराब को अधिक कीमत पर देने को लेकर हाल ही में बवाल हुआ था। जमकर पथराव हुआ, लाठी डंडे चले फिर फायरिंग तक हुई।
प्रकरण थाना पुलिस के पास पहुंचा तो पंकज कुशवाह को बचाने की पुरजोर कोशिशें हुई। नतीजा यह रहा कि बवाल को मारपीट का रूप देकर बलवाइयों को अभयदान दे दिया गया। जिस स्थान पर यह घटना हुई थी, उस स्थान से रोजाना देशी विदेशी पर्यटकों का आवागमन होता है। जिस दौरान बवाल हो रहा था, राहगीर से लेकर स्थानीय दुकानदार सहम गए थे। अपने नुकसान से बचने के लिए इन्होंने छिपने की जगह तलाशी थी।
वायरल वीडियो का संज्ञान लेकर कार्रवाई करना नहीं समझा जरूरी
थाना पुलिस की कार्यप्रणाली कितनी गंभीर है, इसका अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि शराब माफिया द्वारा अवैध शराब एवं बीयर बिक्री के वीडियो लगातार वायरल हो रहे हैं। आबकारी विभाग के राजस्व को नुकसान पहुंचाया जा रहा है। क्षेत्र की शांत फिजा भी बिगड़ने के कगार पर है। इस प्रकरण के बाद प्रदेश के मुख्यमंत्री की अपराध के खिलाफ जीरो टॉलरेंस नीति को भी धक्का लग रहा है।
रात 10 बजते ही जमकर बिकती है अवैध शराब और बीयर
क्षेत्रवासियों के अनुसार, शराब माफिया का असली धंधा रात्रि 10 बजे के बाद शुरू होता है। सरकारी ठेका बंद होने के बाद पीने के शौकीनों की दौड़ शराब माफिया की परचून दुकान तक होती है। दुकान पर निर्धारित दर से काफी अधिक दर पर बिक्री की जाती है। यही स्थिति सुबह सरकारी ठेका खुलने से पहले की होती है।
जवाब देने से कन्नी काट रहे थाना प्रभारी
ताजगंज में हुए बवाल एवं अवैध शराब बिक्री के बाबत थाना प्रभारी ताजगंज से लगातार फोन मिलाने के बावजूद उनका फोन रिसीव नहीं हो रहा। शुरूआत में उनके द्वारा बताया गया था कि घटनाक्रम की जांच करके आवश्यक कार्रवाई अमल में लाई जाएगी, यह जांच कितना आगे बढ़ी, रामभरोसे ही है।