मथुरा में चल रहे श्रीकृष्ण जन्मभूमि और शाही ईदगाह मस्जिद विवाद में एक नया मामला दर्ज किया गया है। बुधवार को सिविल जज सीनियर डिविजन मथुरा की अदालत में दायर इस वाद को स्वीकार कर लिया गया है। यह मामला पहले से ही चल रहे कई मामलों में शामिल किया जाएगा और इलाहाबाद उच्च न्यायालय में भेजा जाएगा।
वाद में क्या कहा गया है?
लखनऊ के प्रशांत राव कंधोराय और देवरिया के बृजेश तिवारी ने ठाकुर केशवदेव महाराज को मुख्य वादी बनाते हुए यह मामला दायर किया है। उन्होंने 1967 में श्रीकृष्ण जन्मभूमि सेवा संघ और ईदगाह कमेटी के बीच हुए जमीन के समझौते को चुनौती दी है। बाद में आरोप लगाया गया है कि इस समझौते में अदालत को गुमराह किया गया था। असली मालिक श्रीकृष्ण जन्मभूमि ट्रस्ट है, न कि सेवा संघ। वादी का दावा है कि औरंगजेब ने कृष्ण मंदिर को क्षतिग्रस्त कर दिया था और उसकी जगह ईदगाह बना दी थी। उन्होंने मांग की है कि मूल गर्भगृह को मुक्त कराकर भगवान बालकृष्ण को सौंपा जाए।
पक्षकार कौन हैं?
इस मामले में ईदगाह कमेटी, सुन्नी सेंट्रल वक्फ बोर्ड, श्रीकृष्ण जन्मभूमि ट्रस्ट और श्री कृष्ण जन्मभूमि सेवा संस्थान को प्रतिवादी बनाया गया है।
अगली कार्रवाई
यह मामला अब इलाहाबाद उच्च न्यायालय में अन्य मामलों के साथ सुना जाएगा।