अयोध्या में राम मंदिर की प्राण-प्रतिष्ठा के एक साल; 4 करोड़ श्रद्धालुओं ने किए दर्शन, 200 करोड़ का चढ़ावा, GST में लखनऊ-नोएडा को भी पीछे छोड़ा

अयोध्या में राम मंदिर की प्राण-प्रतिष्ठा के एक साल: आस्था, विकास और आर्थिक समृद्धि का नया अध्याय

5 Min Read

अयोध्या। श्रीराम मंदिर की प्राण-प्रतिष्ठा के एक वर्ष पूरे होने के उपलक्ष्य में अयोध्या में श्रद्धालुओं का अभूतपूर्व सैलाब उमड़ पड़ा है। बीते एक वर्ष में 4 करोड़ से अधिक श्रद्धालुओं ने श्रीरामलला के दर्शन किए, और इस दौरान आस्था के इस केंद्र में 200 करोड़ रुपये से अधिक का चढ़ावा अर्पित किया गया। रामनगरी ने न केवल धार्मिक दृष्टि से बल्कि आर्थिक दृष्टि से भी अपने इतिहास में एक नया अध्याय जोड़ा है, जिससे अयोध्या अब वैश्विक आध्यात्मिक और आर्थिक केंद्र बनती दिखाई दे रही है।

राम मंदिर निर्माण के बाद अयोध्या का तेजी से हुआ विकास

राम मंदिर के निर्माण के बाद से अयोध्या ने न केवल धार्मिक महत्व को पुनः स्थापित किया है, बल्कि आर्थिक और पर्यटन के मामले में भी बड़ी प्रगति की है। श्रद्धालुओं की बढ़ती संख्या ने स्थानीय व्यापार और उद्योगों को मजबूती प्रदान की है। बीते वर्ष में अयोध्या में कुल 15,000 करोड़ रुपये का व्यवसाय हुआ, जिससे हजारों लोगों को रोजगार मिला। साथ ही, होम-स्टे सेवाओं में 1,000 से अधिक लोगों ने पंजीकरण कराया, जो दर्शाता है कि अयोध्या अब न केवल एक धार्मिक स्थल, बल्कि एक महत्वपूर्ण पर्यटन स्थल बन चुकी है।

इसके अलावा, प्रतिदिन 25 क्विंटल से अधिक फूलों की बिक्री भी हुई, जो मंदिर के आस-पास की अर्थव्यवस्था पर सकारात्मक प्रभाव डाल रही है। स्थानीय दुकानदारों से लेकर सेवा प्रदाताओं तक सभी ने इस आस्था के केंद्र से लाभ उठाया है।

22 जनवरी का ऐतिहासिक महत्व

अयोध्या राम मंदिर

22 जनवरी 2024 को भगवान श्रीराम को मंदिर के गर्भगृह में पुनः स्थापित किया गया था। यह दिन केवल धार्मिक दृष्टि से महत्वपूर्ण नहीं था, बल्कि सनातन संस्कृति की पुनर्स्थापना का प्रतीक भी बन गया। इस ऐतिहासिक घटना ने न केवल भारत में, बल्कि पूरे विश्व में श्रीराम के प्रति श्रद्धा और आस्था को नई ऊंचाई दी।

रामलला का महाभिषेक और प्रतिष्ठा द्वादशी का आयोजन

श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट ने विक्रम संवत के अनुसार 11 जनवरी 2025 को रामलला का महाभिषेक करने की घोषणा की है, और इसे प्रतिष्ठा द्वादशी के रूप में मनाने का निर्णय लिया है। यह आयोजन राम मंदिर के महत्व को और अधिक बढ़ाएगा और श्रद्धालुओं को एक नए धार्मिक अनुभव का अवसर प्रदान करेगा।

अयोध्या का आर्थिक उत्थान और निवेश प्रस्ताव

अयोध्या अब केवल धार्मिक स्थल तक सीमित नहीं रह गया है, बल्कि यह एक प्रमुख आर्थिक और पर्यटन केंद्र भी बन चुका है। यहां पर 2.5 लाख करोड़ रुपये के निवेश प्रस्ताव प्राप्त हुए हैं, जिससे शहर में विकास की नई संभावनाएं सामने आई हैं। इस निवेश से अयोध्या की इंफ्रास्ट्रक्चर, पर्यटन और स्थानीय उद्योगों को और भी मजबूती मिलेगी, जिससे रोजगार के अवसर बढ़ेंगे और अयोध्या का विकास और तेज़ी से होगा।

महाकुंभ से एक वर्ष पूर्व राम मंदिर की प्राण-प्रतिष्ठा

प्रयागराज में 144 वर्षों के अंतराल पर आयोजित महाकुंभ से ठीक एक वर्ष पहले राम मंदिर की प्राण-प्रतिष्ठा को भक्तगण दैवीय संयोग मान रहे हैं। इस धार्मिक और सांस्कृतिक घटना ने न केवल भारत में, बल्कि पूरी दुनिया में अयोध्या को एक नई पहचान दिलाई है। श्रद्धालु और पर्यटक अब इस शहर को न केवल धार्मिक दृष्टि से, बल्कि सांस्कृतिक और आर्थिक दृष्टि से भी देख रहे हैं।

रामनगरी के विकास को मिली नई गति

रामनगरी में पर्यटन की वृद्धि ने होटल, रेस्टोरेंट, परिवहन, फूल और प्रसाद व्यवसायों को नई ऊंचाइयां दी हैं। दीपोत्सव और अन्य आयोजनों ने इस शहर को विश्व पटल पर गौरव प्रदान किया है। अयोध्या अब एक प्रमुख पर्यटन स्थल बन चुका है, जहां देश-विदेश से लाखों श्रद्धालु आकर भगवान श्रीराम के दर्शन करते हैं और इस पवित्र नगरी के सांस्कृतिक धरोहर को महसूस करते हैं।

रामनगरी ने अपनी आस्था, विकास और सांस्कृतिक पुनर्स्थापना से यह प्रमाणित कर दिया है कि वह अब वैश्विक आध्यात्मिक और आर्थिक केंद्र बनने की ओर अग्रसर है। एक वर्ष में हुए अभूतपूर्व बदलाव और विकास ने अयोध्या को सिर्फ धार्मिक स्थल नहीं, बल्कि एक समृद्ध और आधुनिक शहर के रूप में स्थापित किया है। आने वाले वर्षों में अयोध्या का विकास और अधिक तेज़ी से होगा, जिससे यह शहर दुनिया के प्रमुख धार्मिक और आर्थिक केंद्रों में से एक बन जाएगा।

 

 

 

 

Share This Article
Leave a comment

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Exit mobile version