आधार कार्डों में फर्जीवाड़ा करवाकर मजे से उठा रहे सरकारी नौकरियों का लाभ, ये है पूरा मामला

Dharmender Singh Malik
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नटवरलाल भाइयों ने जालसाजी कर बदल लिए अपने अपने नाम और जन्मतिथि

कागारौल के एक ही परिवार के पांच भाइयों ने मिलकर खेला खेल

पुलिस कमिश्नर को दी शिकायत में जांच कर कार्रवाई की मांग

आगरा (किरावली)। जनपद के थाना कागारौल क्षेत्र अंतर्गत कस्बा कागारौल के नटवरलाल भाइयों का बेहद ही संगीन कारनामा सामने आया है। कूटरचित दस्तावेज तैयार कर आधार कार्डों में फर्जीवाड़ा कर सरकारी नौकरी से लेकर सरकारी सुविधाओं का भी लाभ उठा रहे हैं। गंभीर कृत्यों की परकाष्ठा यहीं नहीं रुकी, कथित रूप से न्यायालय में भी फर्जी नाम से मुकदमा लड़ने का आरोप लगाया गया है।

बताया जाता है कि जमील कुरैशी पुत्र बहावुद्दीन कुरैशी द्वारा मुख्यमंत्री से लेकर पुलिस कमिश्नर आगरा को सौंपी शिकायत में कागारौल के जालसाज भाइयों मोहम्मद गुलजार, अब्दुल शमीम, अब्दुल रज्जाक, अतीकुर्रहमान और अब्दुल रहमान पुत्रगण अब्दुल रब के द्वारा मिलकर की गई जालसाजी के खिलाफ सिलसिलेवार तरीके से बिंदुवार शिकायत सौंपी गई है।

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शिकायत में लगाए गए आरोपों की गहनता से जांच कर तत्काल प्रभाव से समुचित कार्रवाई की मांग की गई है। इस प्रकरण में पुलिस कमिश्नर द्वारा जांच हेतु डीसीपी पश्चिम को सौंपी शिकायत के उपरांत, उनसे लगातार प्रयासों के बावजूद उनसे संपर्क बाधित रहा।

भाइयों की सरकारी नौकरी बचाने के लिए मोहम्मद गुलजार ने बदल लिया नाम और जन्मतिथि

शिकायत के मुताबिक मोहम्मद गुलजार ने विगत में अपने भाई मोहम्मद शमीम को मोटरसाइकिल ट्रांसफर की थी। इस ट्रांसफर के अभिलेख में लगाए गए आधार कार्ड संख्या 401998886101 में नाम मोहम्मद गुलजार और जन्मतिथि 01/07/1991दर्ज है। बताया गया है कि बाद में इसी आधार कार्ड संख्या पर मोहम्मद गुलजार ने जन्मतिथि 09 वर्ष घटकर 04/06/2000 दर्ज कर लिया और नाम भी बदलकर मोहम्मद नदीम रख लिया। मोहम्मद गुलजार ने यह फर्जीवाड़ा अपने परिवहन विभाग में कार्यरत भाई मोहमद शमीम और बेसिक शिक्षा विभाग में कार्यरत अब्दुल रज्जाक द्वारा अपनी जन्मतिथियों में फर्जीवाड़ा कर हासिल की गई नौकरियों को बचाने के लिए किया गया। मोहम्मद गुलजार ने न्यायालय की आंखों में भी धूल झोंकते हुए मोहम्मद नदीम के नाम से प्रार्थनापत्र प्रस्तुत किए।

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अब्दुल रज्जाक हो चुका है निलंबित

शिकायतकर्ता जमील कुरैशी की शिकायत पर विगत में, ब्लॉक पिनाहट के गांव बघरैना में सहायक अध्यापक अब्दुल रज्जाक को विभाग द्वारा निलंबित किया जा चुका है। बेसिक शिक्षा विभाग ने दरियादिली दिखाते हुए अब्दुल रज्जाक को अभी तक बर्खास्त नहीं किया है, जबकि जांच अधिकारी बीईओ द्वारा अपनी जांच में उसको दोषी ठहराया था। अब्दुल रज्जाक ने भी अभिलेखों में अपनी जन्मतिथि में फर्जीवाड़ा करवाया था।

छोटा हो गया बड़े से बड़ा

जमील कुरैशी के मुताबिक जालसाज भाइयों में एक भाई अब्दुल शमीम परिवहन विभाग में कार्यरत है। उसके द्वारा भी अपनी जन्मतिथि में फर्जीवाड़ा किया गया है। इनके फर्जीवाड़े के अनुसार, वास्तविकता में सबसे बड़ा भाई अब्दुल रहमान और दूसरे नंबर का अब्दुल रज्जाक है। जबकि आधार कार्डों की जन्मतिथियो में लिए गए हेरफेर के अनुसार सबसे छोटा भाई मोहम्मद गुलजार दूसरे नंबर का भाई बन गया है।

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जेल से लेकर जुर्माने का प्रावधान

आधार एक्ट 2016 के अनुसार, कोई व्यक्ति यूआईडी को गलत सूचना देकर, अपने आधार कार्ड में अंकित करवाता है। दोष सिद्ध होने पर तीन साल की जेल से लेकर जुर्माने का भी प्रावधान है। देश की सुरक्षा और पहचान से जुड़े आधार कार्ड में फर्जीवाड़ा करवाना बेहद ही गंभीर अपराध है।

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Editor in Chief of Agra Bharat Hindi Dainik Newspaper
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