यूथ हॉस्टल में हुआ राष्ट्रीय काव्य सम्मेलन का आयोजन, कवि-शायरों ने अपनी प्रस्तुतियों से माहौल को किया भावविभोर

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यूथ हॉस्टल में हुआ राष्ट्रीय काव्य सम्मेलन का आयोजन, कवि-शायरों ने अपनी प्रस्तुतियों से माहौल को किया भावविभोर

आगरा: आगरा में एक शानदार काव्य सम्मेलन का आयोजन यूथ हॉस्टल में हुआ, जहां राष्ट्रीय शायरों और कवियों ने अपनी प्रस्तुतियों से दर्शकों को मंत्रमुग्ध कर दिया। इस कार्यक्रम का आयोजन बीएच मेमोरियल चेरिटेबिल ट्रस्ट आगरा और बज़्म ए जहाँ के संयुक्त तत्वाधान में हुआ। कार्यक्रम का प्रमुख आकर्षण अंतर्राष्ट्रीय शायरा डॉ. आरिफा सबनम की मां मरहूम जाहिदा वेगम की वरसी पर आयोजित मुशायरा और कवि सम्मेलन था।

मुख्य अतिथि और अध्यक्ष की उपस्थिति

इस भव्य काव्य आयोजन के मुख्य अतिथि वरिष्ठ कवि डॉ. यशोयश थे, जिनके मार्गदर्शन में कार्यक्रम का संचालन हुआ। कार्यक्रम की अध्यक्षता मशहूर शायर चाँद अकबराबादी ने की, जबकि कार्यक्रम के संरक्षक हरीश कुमार सक्सेना चिमटी और संचालन का दायित्व जीरो बंदवी व शिवराज यादव ने निभाया।

काव्य प्रस्तुतियाँ और शायरी का आलम

इस सम्मेलन में कई चर्चित कवि और शायरों ने अपनी प्रस्तुतियाँ दीं। युवा शायर संजीव चौहान सारिक ने अपनी नज़्म “प्रयागराज के हालातों को देखते हुए” पेश की, जिसमें उन्होंने अभूतपूर्व तरीके से अपने शब्दों के माध्यम से समाज की सच्चाई को उजागर किया। उन्होंने कहा, “आँसू लेकर आँखों में अपनों की लाशें ढूंढ़ रहे हैं”, जो श्रोताओं के दिलों को छू गया।

कवि अंचल शर्मा जालौन, शायर जकी नबाब अजमेरी, और कवयित्री वंदना चौहान ने भी अपनी रचनाओं से सम्मेलन में चार चाँद लगाए। मनीष सरल, राजा हसन, शायरा आशिकी सबनम, मनोज देवदत्त, विशाल रियाज, और खलील गुमनाम ने भी अपनी प्रस्तुतियों से काव्य समारोह को यादगार बना दिया। इसके साथ ही एटा से पधारी कवयित्री रेनू बघेल ने भी अपनी कविताओं के जरिए माहौल को संवेदनशील बना दिया।

उत्कृष्टता और प्रेरणा का संदेश

इस आयोजन ने न केवल साहित्य और कला के प्रति सम्मान बढ़ाया, बल्कि यह युवा शायरों और कवियों के लिए एक प्रेरणा स्रोत भी साबित हुआ। कार्यक्रम ने यह संदेश दिया कि कला और साहित्य हमारे समाज का महत्वपूर्ण हिस्सा हैं, जो हमें जीवन के कठिनाइयों और संवेदनाओं को समझने का एक नया दृष्टिकोण प्रदान करते हैं।

समारोह का महत्व

यह काव्य सम्मेलन आगरा के सांस्कृतिक जीवन में एक महत्वपूर्ण स्थान रखता है, जहां विभिन्न शायरों और कवियों ने अपनी शायरी और नज़्मों के जरिए समाज के प्रति अपने विचारों को व्यक्त किया। इस तरह के आयोजनों से न केवल साहित्यिक चेतना का विकास होता है, बल्कि यह हमारी सांस्कृतिक धरोहर को भी सहेजने का कार्य करता है।

 

 

 

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फैजान खान- संवाददाता दैनिक अग्र भारत समाचार । "मैं पिछले 5 वर्षों से राजनीति और समाजिक मुद्दों पर रिपोर्टिंग कर रहा हूं। इस दौरान, मैंने कई सामाजिक मुद्दों,ओर समस्याओं पर लेख लिखे हैं और लिखता आ रहा हु।
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