प्राचार्य डॉ. पांडेय ने कहा, “अधिवक्ता वर्ग समाज में कानून के सम्यक पालन के लिए हमेशा प्रतिबद्ध रहता है और यह उनका कर्तव्य है कि वे समाज में न्याय का शासन कायम रखें।”
महाविद्यालय के मुख्य नियंता चंद्र भूषण तिवारी ने भी कार्यक्रम को संबोधित करते हुए अधिवक्ताओं के महत्व को रेखांकित किया। उन्होंने कहा कि “अधिवक्ता न्यायालय का अधिकारी होता है और वह न्याय के निष्पादन में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। वह समाज में न्याय की स्थापना के लिए अपने कर्तव्यों का सम्यक निर्वहन करता है।”
कालेज के असिस्टेंट प्रोफेसर फकरुद्दीन ने अधिवक्ताओं के योगदान की सराहना करते हुए कहा कि विधि के शासन को बनाए रखने में उनका योगदान अनमोल है और समाज में उनके कार्यों को हमेशा सराहा जाता है।
असिस्टेंट प्रोफेसर प्रीतीश कुमार तिवारी ने बताया कि “अधिवक्ता समुदाय की महती भूमिका है, विशेष रूप से अन्याय के प्रतिकार और न्याय की स्थापना में। उनका कार्य हमेशा समाज के कल्याण के लिए होता है।”
कार्यक्रम में कालेज के छात्र-छात्राओं ने भी भाग लिया और अधिवक्ता दिवस की महत्ता को समझते हुए अपने विचार प्रस्तुत किए। छात्र अवनीश उपाध्याय ने कहा, “अधिवक्ता वर्ग स्वतंत्रता के रक्षक और संविधान के पालक के रूप में समाज में एक आदर्श के रूप में कार्य करता है।”
कार्यक्रम में सूर्यांश कौशिक, दीपेश, आनंद, सोनाली, सोनी, अंशिका, विकास शर्मा और अन्य छात्र-छात्राओं ने भी भाग लिया और कार्यक्रम को सफल बनाने में अपनी अहम भूमिका निभाई।
इस कार्यक्रम का उद्देश्य छात्रों में अधिवक्ताओं के महत्व और उनके द्वारा किए गए कार्यों के प्रति जागरूकता उत्पन्न करना था, ताकि वे भविष्य में समाज में न्याय की स्थापना और विधि के शासन के लिए प्रेरित हो सकें।