उत्तर प्रदेश: मुरादाबाद के मंडी समिति परिसर में गोकशी की घटना और शाहेदीन हत्याकांड ने पूरे प्रदेश में सनसनी मचा दी है। घटना के बाद से परिवार के लोग और स्थानीय लोग न्याय की उम्मीद के साथ आरोपी की गिरफ्तारी की मांग कर रहे हैं। लेकिन, छह दिन बीतने के बाद भी पुलिस ने इस मामले में अभी तक कोई ठोस कदम नहीं उठाया है। शाहेदीन की पत्नी ने मीडिया से बात करते हुए इंसाफ की उम्मीद तो जताई, लेकिन साथ ही यह सवाल भी उठाया कि जब लोग खुद कानून को अपने हाथ में लेकर हत्या जैसे जघन्य अपराध को अंजाम देंगे, तो ऐसे में इंसाफ कैसे मिलेगा?
गोकशी के आरोप में पिटाई और शाहेदीन की मौत
मुरादाबाद के मझोला थाना क्षेत्र में 29 दिसंबर की रात गोकशी के आरोप में एक युवक, शाहेदीन, को अज्ञात लोगों ने बेरहमी से पीट-पीटकर गंभीर रूप से घायल कर दिया। इलाज के दौरान शाहेदीन की मौत हो गई। शाहेदीन के परिवार का कहना है कि उनका भाई बेगुनाह था और उसे जालिमों ने बुरी तरह से मारा। उनके भाई को किसी प्रकार की कोई सजा नहीं मिलनी चाहिए थी, बल्कि यदि वह अपराधी होता तो उसे कानून के तहत सजा मिलनी चाहिए थी।
शाहेदीन के परिवार का दर्द
शाहेदीन के भाई, शहजाद कुरैशी ने कहा कि उनका भाई छह महीने तक अस्पताल में रहा और हमने उसकी जिंदगी बचाने के लिए हर मुमकिन कोशिश की। उन्होंने कहा, “अगर मेरा भाई अपराधी था तो उसे इतनी बुरी तरह क्यों मारा गया? शरीर के हर हिस्से पर चोटों के निशान थे। यह सब देखकर हमें भी यकीन नहीं हो रहा था कि हमारा भाई किस दोष के लिए इतना अत्याचार सहन कर रहा था।” शहजाद ने आरोप लगाया कि पुलिस ने शाहेदीन के हत्यारों तक पहुंचने के लिए गंभीर प्रयास नहीं किए हैं और जांच को सामान्य मामले की तरह लिया जा रहा है।
पुलिस की जांच और विपक्ष का विरोध
पुलिस ने इस मामले की जांच शुरू कर दी है और कई सीसीटीवी कैमरों की फुटेज भी खंगाली जा रही है। लेकिन छह दिन बीतने के बाद भी हत्यारे का पता नहीं चल सका है। पुलिस का कहना है कि शाहेदीन और उसके साथी अदनान के साथ कुछ और लोग भी इस मामले में शामिल हो सकते हैं। एसपी सिटी कुमार रण विजय सिंह ने मीडिया से कहा कि पुलिस मामले की तह तक जांच करेगी और जो भी दोषी होंगे, उन्हें बख्शा नहीं जाएगा।
गोकशी की घटनाओं की बढ़ती संख्या
मुरादाबाद के मंडी समिति परिसर में यह पहली गोकशी की घटना नहीं है। इससे पहले भी तीन बार गोकशी की घटनाएं हो चुकी हैं। पिछले साल जुलाई में गोकशी की एक घटना हुई थी और 2021 में भी गोकशी से जुड़े दो मामले सामने आए थे। इन घटनाओं के बाद विरोध प्रदर्शन हुए थे और पुलिस ने कुछ आरोपियों को गिरफ्तार कर जेल भेजा था। अब पुलिस उन आरोपियों से पूछताछ करेगी ताकि यह पता लगाया जा सके कि वे घटनास्थल पर कैसे पहुंचे और क्या उन्हें किसी ने बुलाया था।
सख्त कानून की जरूरत पर जोर
इस मामले में पूर्व सांसद डॉ. एसटी हसन ने भी बयान दिया और कहा कि किसी भी व्यक्ति को कानून अपने हाथ में नहीं लेना चाहिए। उन्होंने कहा, “गोकशी के मामले में सख्त कानून मौजूद है। अगर शाहेदीन गोकशी करते हुए पकड़ा भी गया था, तो भीड़ को उसे पकड़कर पुलिस के हवाले करना चाहिए था। कोर्ट तय करता कि उसे क्या सजा मिलनी चाहिए।” उन्होंने शाहेदीन की पिटाई करने वालों के खिलाफ भी कार्रवाई की मांग की।
मृतक की पत्नी का दर्द
शाहेदीन की पत्नी रिजवाना अपनी बात रखते हुए कहा, “मेरा पति मेरा सहारा था, वह अब इस दुनिया में नहीं रहा। मेरे दो छोटे बच्चे हैं, जो अपने पिता के बिना अनाथ हो गए हैं। वे तीन दिन से अपने पिता का चेहरा देखने के लिए तरस रहे हैं। मेरे पति बेगुनाह थे, लेकिन उन्हें जालिमों ने मार डाला।” रिजवाना ने अपने पति के लिए इंसाफ की मांग करते हुए कहा कि उन्हें न्याय चाहिए, ताकि उनके बच्चों को भविष्य में किसी प्रकार की समस्या का सामना न करना पड़े।
बच्चों का दुख और परिवार की मुश्किलें
रिजवाना ने यह भी कहा कि उनका 9 साल का बेटा अपने पिता को याद करके रोज रोता है। वह अपने पिता की कब्र पर जाकर कहता है, “पापा मुझे ₹10 दे दो, जो आप मुझे रोज देते थे।” शाहेदीन के दो और बच्चे हैं, जो सड़क किनारे कपड़े बेचने वाले दुकानदारों के पास काम करते थे और उनके जरिए परिवार का खर्च चलता था। अब परिवार की मुश्किलें और भी बढ़ गई हैं, क्योंकि बच्चों को पिता की कमी महसूस हो रही है।