बलिया, उत्तर प्रदेश: रिश्तों को तार-तार कर देने वाली एक बेहद ही शर्मनाक घटना बलिया जिले से सामने आई है। यहां एक कलयुगी पिता ने अपनी ही 11 वर्षीय मासूम बेटी को अपनी हवस का शिकार बनाया। इस घिनौने कृत्य ने पूरे इलाके को झकझोर कर रख दिया है। पुलिस ने त्वरित कार्रवाई करते हुए आरोपी पिता को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया है।
क्या है पूरा मामला?
जानकारी के अनुसार, देवरिया जिले के रामपुर थाना क्षेत्र के मोहन मुंडेरा गांव का रहने वाला अकरम, उभांव थाना क्षेत्र स्थित अपनी ससुराल में रहता था। उसकी पत्नी अपनी 11 वर्षीय बेटी को अपने मायके (उभांव) में छोड़कर रिश्तेदारों से मिलने बांग्लादेश गई हुई थी। इसी दौरान, मुंबई में ट्रक ड्राइवर का काम करने वाला अकरम अचानक अपने घर आया और उसने अपनी बेटी के साथ लगातार दो महीने तक (1 सितंबर से 1 नवंबर तक) कथित रूप से बलात्कार किया।
मां के लौटने पर हुआ खुलासा
जब पीड़िता की मां बांग्लादेश से वापस लौटी, तो बेटी ने अपनी आपबीती उन्हें सुनाई। बेटी के द्वारा बताई गई इस भयानक घटना को सुनकर मां के पैरों तले जमीन खिसक गई। बिना देर किए वह तुरंत पुलिस के पास पहुंची और अपने पति के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई।
पुलिस की त्वरित कार्रवाई
पुलिस ने इस मामले में तत्परता दिखाते हुए 2 नवंबर को उभांव थाने में अकरम के विरुद्ध नामजद मुकदमा दर्ज किया। थाना प्रभारी विपिन सिंह के नेतृत्व में पुलिस टीम ने आरोपी अकरम को गिरफ्तार कर लिया। इसके बाद उसे बलिया के एक स्थानीय न्यायालय में पेश किया गया, जहां से उसे न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया गया है।
समाज में आक्रोश
इस घटना ने पूरे समाज को आक्रोशित कर दिया है। लोगों में इस कलयुगी पिता के प्रति भारी गुस्सा है, जिसने अपनी ही मासूम बेटी के साथ ऐसा घिनौना कृत्य किया। इस घटना ने एक बार फिर समाज में महिलाओं और बच्चों की सुरक्षा को लेकर चिंताएं बढ़ा दी हैं।
घटना कई सवाल खड़े करती है
- क्या समाज में रिश्तों का इतना पतन हो गया है कि पिता जैसे पवित्र रिश्ते को भी कलंकित किया जा रहा है?
- बच्चों के साथ होने वाले यौन शोषण के मामलों को रोकने के लिए और क्या कदम उठाने चाहिए?
- क्या समाज में जागरूकता फैलाकर इस तरह के अपराधों को कम किया जा सकता है?
यह बेहद जरूरी है कि समाज इस तरह के अपराधों के खिलाफ एकजुट होकर आवाज उठाए और अपराधियों को कड़ी से कड़ी सजा दिलाई जाए, ताकि भविष्य में कोई भी ऐसा घिनौना कृत्य करने की हिम्मत न कर सके।