आगरा। बल्केश्वर महादेव मंदिर से अग्रबन्धु समन्वय समिति द्वारा आयोजित अग्रसेन शोभायात्रा में महाराजा अग्रसेन का समाजवाद और उनकी समर्पण भावना का अद्वितीय प्रदर्शन हुआ। इस अवसर पर ढोल-ताशों की थाप पर झूमते सूर्यवंशी और 18 गोत्रों के नाम से सजे स्वागत द्वारों ने पूरे बल्केश्वर क्षेत्र को एक विशेष चमक प्रदान की।
शोभायात्रा की भव्यता
शोभायात्रा का आरंभ महाराजा अग्रसेन की आरती के साथ हुआ। इसमें गणेश की सवारी के साथ-साथ मनमोहक राजकुमारों और राजकुमारियों की झांकियां शामिल थीं। महाराजा अग्रसेन का स्वरूप बने प्रेमचंद बंसल और रानी माधवी बनी पुष्पारानी ने रथ पर विराजमान होकर सभी का दिल जीत लिया। शोभायात्रा के अंत में महाराजा अग्रसेन की झांकी और ढोल-नगाड़ों पर जयकारे लगाते अग्रवंशी लोगों का उत्साह देखते ही बनता था।
सामूहिक हवन और जयकारे
संयोजक पंकज अग्रवाल ने बताया कि प्रातः समय में महाराजा अग्रसेन पार्क में वैदिक मंत्रों के साथ हवन का आयोजन किया गया। इस हवन में वैश्य समाज के सभी लोगों ने आहूति दी और महाराजा अग्रसेन तथा महारानी माधवी के जयकारे लगाए।
सांस्कृतिक कार्यक्रम और सम्मान समारोह
शोभायात्रा बल्केश्वर क्षेत्र का भ्रमण करते हुए वॉटरवर्क्स स्थित अग्रवन पहुंची। 4 अक्टूबर को अग्रवन में दोपहर 2 बजे से सांस्कृतिक कार्यक्रम का आयोजन किया जाएगा, जिसमें शाम 6 बजे से सम्मान समारोह भी आयोजित किया जाएगा। इस अवसर पर कई गणमान्य व्यक्ति और अग्रवंशी समाज के सदस्य मौजूद रहेंगे, जिनमें संस्थापक ताराचंद मित्तल, वीके अग्रवाल, संतोष कुमार अग्रवाल, अध्यक्ष रमन अग्रवाल, डॉ. अशोक अग्रवाल, और अन्य शामिल हैं।
समाजवाद का संदेश
इस शोभायात्रा ने न केवल महाराजा अग्रसेन के जीवन और उनके समाजवाद का जश्न मनाया, बल्कि यह भी दर्शाया कि एकता, सहयोग और सामूहिकता के साथ मिलकर समाज में सकारात्मक परिवर्तन लाया जा सकता है। इस प्रकार के आयोजन सामाजिक सद्भाव और संस्कृति को प्रोत्साहित करने का कार्य करते हैं, जो कि महाराजा अग्रसेन के मूल सिद्धांतों के अनुरूप है।
इस भव्य शोभायात्रा ने सभी को यह याद दिलाया कि एकजुटता में ही ताकत है और समाज का विकास सामूहिक प्रयासों से ही संभव है।