उत्तर प्रदेश के प्रयागराज में होने वाले महाकुंभ मेला का आयोजन देश और दुनिया के लिए एक ऐतिहासिक और धार्मिक आयोजन साबित होने जा रहा है। इस मेले में हर साल लाखों श्रद्धालु और विदेशी पर्यटक अपनी आध्यात्मिक यात्रा के लिए पहुंचते हैं। इस बार महाकुंभ में शामिल होने वाले मेहमानों में स्टीव जॉब्स की पत्नी लॉरेन पॉवेल का नाम भी शामिल है। लॉरेन के साथ कई अन्य बड़े नाम भी इस धार्मिक आयोजन में भाग लेने के लिए पहुंचेंगे, जिनमें इंफोसिस फाउंडेशन की अध्यक्ष सुधा मूर्ति और जिंदल ग्रुप की चेयरपर्सन सावित्री जिंदल प्रमुख हैं।
महाकुंभ में शामिल होने के लिए प्रयागराज पहुंचेंगी लॉरेन पॉवेल
स्टीव जॉब्स, जो कि एप्पल कंपनी के को-फाउंडर थे, उनकी पत्नी लॉरेन पॉवेल का आगमन महाकुंभ में एक ऐतिहासिक क्षण होगा। वह 13 जनवरी 2025 को भारत पहुंचेंगी और यहां पर वह संगम में डुबकी लगाकर धार्मिक अनुष्ठान करेंगी। लॉरेन पॉवेल, जो कि 25 अरब डॉलर की संपत्ति की मालकिन हैं, प्रयागराज में कल्पवास करने के लिए आ रही हैं। उनका ठहराव निरंजनी अखाड़े के आचार्य महामंडलेश्वर स्वामी कैलाशानंद के शिविर में किया गया है।
कल्पवास और यजमान की भूमिका
लॉरेन पॉवेल महाकुंभ के दौरान 19 जनवरी से शुरू होने वाली कथा की पहली यजमान भी होंगी। वह इस दौरान संगम के किनारे पर कल्पवास करेंगी, जो कि सनातन धर्म में एक महत्वपूर्ण धार्मिक अनुष्ठान है। यह उनके लिए एक अद्वितीय अनुभव साबित होगा, क्योंकि वह भारतीय संस्कृति और धार्मिकता को करीब से जानने का अवसर पाएंगी। लॉरेन पॉवेल का यह अनुभव महाकुंभ के इतिहास में एक नया अध्याय जोड़ेगा।
सुधा मूर्ति और सावित्री जिंदल का भी महाकुंभ में शामिल होना
सुधा मूर्ति, जो कि प्रसिद्ध समाजसेविका और लेखिका हैं, भी इस बार महाकुंभ में शामिल होने के लिए प्रयागराज पहुंचने वाली हैं। सुधा मूर्ति के ठहरने के लिए उल्टा किला के पास विशेष रूप से कॉटेज तैयार किया गया है। वह भी संगम में डुबकी लगाएंगी और इस धार्मिक अवसर का हिस्सा बनेंगी।
साथ ही, जिंदल ग्रुप की चेयरपर्सन सावित्री जिंदल भी महाकुंभ में भाग लेने के लिए पहुंचेंगी। वह स्वामी अवधेशानंद और चिदानंद मुनि के शिविरों में ठहरेंगी, जहां उन्हें सनातन संस्कृति से जुड़ी महत्वपूर्ण जानकारी मिलेगी।
बीजेपी सांसद हेमा मालिनी का महाकुंभ में योगदान
महाकुंभ में बीजेपी की लोकप्रिय सांसद हेमा मालिनी भी इस बार भाग लेंगी। वह जूना अखाड़ा के आचार्य महामंडलेश्वर स्वामी अवधेशानंद गिरि महाराज के शिविर में ठहरेंगी और यहां पर विभिन्न धार्मिक क्रियाओं में हिस्सा लेंगी। हेमा मालिनी का यह कदम एक नई शुरुआत का प्रतीक होगा, जो भारतीय राजनीति और धार्मिकता के बीच संतुलन स्थापित करेगा।
लॉरेन पॉवेल और महाकुंभ का ऐतिहासिक मिलन
लॉरेन पॉवेल का महाकुंभ में शामिल होना भारतीय धर्म और संस्कृति के लिए एक महत्वपूर्ण घटना मानी जा रही है। उनकी उपस्थिति महाकुंभ की ग्लोबल पहचान को और बढ़ाएगी। इस धार्मिक और सांस्कृतिक आयोजन में भाग लेने से ना केवल उन्हें भारतीय संस्कृति को जानने का मौका मिलेगा, बल्कि उनका अनुभव दुनिया भर के लोगों को प्रभावित करेगा।
महाकुंभ मेला इस बार और भी खास बनने जा रहा है, जब स्टीव जॉब्स की पत्नी लॉरेन पॉवेल, सुधा मूर्ति, सावित्री जिंदल, हेमा मालिनी जैसी प्रमुख हस्तियां इसमें भाग लेंगी। इन दिग्गजों के आने से महाकुंभ के महत्व में और भी वृद्धि होगी। यह धार्मिक आयोजन सिर्फ भारत के लिए नहीं, बल्कि पूरी दुनिया के लिए एक प्रेरणा स्रोत बनेगा।