मुजफ्फरनगर: सफलता का कोई निश्चित रास्ता नहीं होता, हार मानने से ही असफलता निश्चित होती है। यह बात 2021 बैच के IPS अफसर व्योम बिंदल और उनकी पत्नी IAS नूपुर गोयल पर बिल्कुल फिट बैठती है। 5 बार असफल होने के बाद भी हार न मानने वाले व्योम ने 6वीं बार में सिविल सर्विसेज की परीक्षा पास कर 141वीं रैंक हासिल की।
पांच बार असफलता से नहीं टूटे
IPS व्योम बिंदल ने सिविल सर्विसेज एग्जाम में पांच बार असफलता मिलने के बाद भी खुद को टूटने नहीं दिया और अंत में मंजिल को हासिल कर लिया। साल 2020 में सिविल सर्विसेज की परीक्षा क्रेक करने के बाद साल 2021 बैच के आईपीएस अफसर बन गये। यह इत्तेफाक ही है कि उनकी पत्नी का भी पांच बार सलेक्शन न होने की वजह से उनका भी आखिरी प्रयास में ही यूपीएससी क्लियर हुआ। IPS Officer व्योम बिंदल मुजफ्फरनगर में एएसपी के रूप में कार्यरत हैं, जो फिलहाल मुजफ्फरनगर सीओ सिटी का कार्यभार संभाले हुए हैं।
IPS व्योम बिंदल का जन्म 5 अगस्त 1992 को हिमाचल प्रदेश के सोलन में हुआ। उनके पिता अरविन्द बिंदल बिजनेसमैन हैं। उनकी माता राधा बिंदल गृहिणी है। एक छोटा भाई भी है। उन्होंने सोलन जिले एक प्राइवेट स्कूल गीताधर से 10वीं तक और बीएल सेंट्रल पब्लिक सकूल से इंटरमीडिएट की। शुरुआत से ही व्योम पढ़ने में काफी तेज थे। 10वीं कक्षा तक वह टाॅप-3 या टाॅप-4 में शामिल रहे। वर्ष 2010 में उनका सिलेक्शन एनआईटी हमीरपुर हिमाचल प्रदेश में हुआ। वर्ष 2014 में बी.टेक पास की। इंजिनयरिंग करने के बाद इंटर्नशिप के लिये स्पेन भी गये। वहां जाॅब के अनेक ऑफर मिले पर उनका मकसद केवल UPSC था। लिहाजा उन्होंने वो सभी ऑफर ठुकरा दिए।
ये था UPSC में आने का कारण
IPS व्योम बिंदल ने बताया कि वह एक ऐसे परिवार से आता हैं जो वनवासियों की सेवा से हमेशा जुड़े रहा है। जब मैं उनका कार्य करते देखता था तो मुझे एक चीज महसूस हुई कि यूपीएससी का एग्जाम क्लियर करके हमेशा एक ऐसा अवसर मिल सकता है तो हम और भी बड़े पैमाने पर सेवा कर सकते हैं। इसलिए व्योम बिंदल बीटेक करने के बाद इस दिशा में आए। उन्होंने यूपीएएसपी के दो पक्ष रखते हुए कहा कि एक पक्ष सेवा है और दूसरा पक्ष यह है कि अच्छी नौकरियों में गिनी जाती है और सरकार से अच्छा वेतन भी मिलता है। उन्होंने कहा कि बिजनेस में आप सिर्फ पैसा कमा सकते हैं और दान करने के लिये उसमें से कुछ हिस्सा निकालना होगा। लेकिन नौकारी में अपने कर्तव्य के साथ-साथ समाजसेवा करने का भी मौका मिलता है।
फेलियर से सीखा, टूटे नहीं
आईपीएस व्योम बिंदल ने कहा कि पांचवी बार जब मैं फेल हुआ था तो मैं यह जानता हूं कि मेरे असफल होने के क्या कारण थे और मैंने उसमें बहुत कुछ सीखा। उन्होंने खोजी न्यूज से बातचीत करते हुए इस सफर को बहुत मुश्किलों भरा बताया। आईपीएस व्योम बिंदल ने बताया कि इस मुश्किलों भरे रास्ते में मेरे साथ मेरे परिवार थे, मेरे दोस्त थे, जिनके कारण मैं बार-बार अपने फेलियर से सीखता चला गया। उन्होंने कहा कि जिसने अपने फेलियर से सीख लिया, वह फेलियर नहीं है। उन्होंने कहा कि मैंने इस चीज का अनुभव किया है, तब तक आपकी हार नहीं होती, जब तक आप हार नहीं मानते। जब तक हार आपने अपने मन से नहीं मानी है ना तब तक तुम्हें कोई नहीं हरा सकता। मंजिल को प्राप्त करने के कई रास्ते हो सकते हैं अगर एक बंद होता है तो दूसरा खुल जायेगा और दूसरा बंद होता है तो क्रमशः ऐसे ही आगे खुलता जायेगा लेकिन हार कभी नहीं माने।
पिता ने हर पल बढ़ाया हौसला
आईपीएस व्योम बिंदल ने बताया उनका हौंसला बढ़ाने के लिये उनके पिताजी का सबसे बड़ा रोल रहा। उनकी असफलता के बाद भी उनका हौसला बढ़ाया। उनके पिता उन्हें यह विश्वास दिलाते, तुम ये कर सकते हो… तुम्हारे अंदर यह काबिलियत है। वह पैसों से लेकर हर तरह से उनका सपोर्ट करते थे।
पढ़ाई के साथ-साथ काम भी किया
आईपीएस व्योम बिंदल पढ़ाई के साथ-साथ उनके साथ काम भी करते थे।उनके पिता उन्हें कहते थे कि अगर UPSC क्लियर भी नहीं होगा तो दूसरा ऑप्शन भी है। IPS व्योम बिंदल के परिवार में या तो डाॅक्टर हैं या व्यवसाय करते हैं। पांच बार असफल होने के बाद वर्ष 2020 में छठी बार में सिविल सर्विसेज की परीक्षा पास कर 141वी रैंक हासिल की। व्योम बिंदल अपने परिवार से पहले आईपीएस अफसर हैं। UPSC की परीक्षा क्लियर कर साल 2021 बैच के IPS Officer बन गये। उनको हिमाचल प्रदेश कैडर मिला।
आईएएस अधिकारी नूपुर गोयल से हुआ विवाह
उनका विवाह साल 2020 बैच की एक आईएएस अफसर नूपुर गोयल से हुआ। इसलिए दोनों पति-पत्नि उप्र में अब अपनी सेवाएं दे रहे हैं। वर्तमान में IPS अफसर व्योम बिंदल मुजफ्फरनगर में पोस्टेड है। उन्होने 4 जनवरी 2024 को मुजफ्फरनगर सीओ सिटी का कार्यभार ग्रहण किया।
पति पत्नी दोनों ही पांच बार रहे असफल, छटे प्रयास में मिली सफलता
IPS व्योम बिंदल की पत्नी नूपुर गोयल साल 2020 बैच की IAS हैं। व्योम बिंदल की तरह ही उनकी पत्नी नूपुर गोयल भी यूपीएससी एग्जाम में फेल हुई। पर उन्होंने कभी हार नहीं मानी। उनका एक मात्रा लक्ष एग्जाम क्लियर कर सिविल सर्विसेज में जाना ही है। वर्ष 2014 में अपने पहले प्रयास में UPSC के इंटरव्यू तक पहुंची पर सलेक्शन नहीं हुआ। लगातार पांच बार असफलता के बाद आखिरी प्रयास वर्ष 2019 की परीक्षा में 11वीं रैक हासिल की। 2020 बैच की आईएएस अफसर बन गई। वर्तमान में आईएएस नूपरु गोयल मेरठ जिले के सीडीओ के पद पर कार्यरत हैं।