बीएसए आगरा द्वारा गोद लिए गए विद्यालय का हाल बेहाल; बच्चों को सताता जीव-जंतुओं का डर- शिक्षा पर पड़ रहा असर

Jagannath Prasad
3 Min Read
गढ़ी वृंदावन के परिषदीय विद्यालय के गेट के बाहर गंदे पानी से भरा तालाब

आगरा। उत्तर प्रदेश में शिक्षा के क्षेत्र में सुधार के लिए लाखों का बजट रखा गया है और परिषदीय विद्यालयों को हाईटेक बनाने की दिशा में कई प्रयास किए जा रहे हैं। हालाँकि, शिक्षा की गुणवत्ता और विद्यालयों की स्थिति में सुधार की सरकारी कोशिशों की कसौटी पर अधिकारियों की लापरवाही भारी पड़ रही है।

हाल ही में उत्तर प्रदेश के आगरा जिले में कमिश्नर के निर्देश पर करीब ढाई सौ विद्यालयों को विभिन्न अधिकारियों को सौंपा गया था, जिनका उद्देश्य स्कूलों में शिक्षा की गुणवत्ता और रखरखाव को सुधारना था। लेकिन, इस प्रयास का एक उदाहरण नकारात्मक रूप में सामने आया है। आगरा में जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी ने प्राथमिक विद्यालय गढ़ी वृंदावन, गढ़ी नवलिया, और गढ़ी इश्वरा को गोद लिया है।

See also  आगरा कॉलेज आर्मी विंग कैडेट शुभम यादव का भारतीय सेना में चयन

फिर भी, गोद लिए गए प्राथमिक विद्यालय गढ़ी वृंदावन की स्थिति बेहद खराब है। विद्यालय में खतरनाक जीव-जंतुओं का आतंक है, जिससे बच्चे डर के साए में जी रहे हैं।

विद्यालय में पेयजल की बदहाल व्यवस्था एवं टूटी फूटी टोंटी

वे विद्यालय के नल से पानी पीने की बजाय घर से पानी की बोतल लाते हैं। इसका कारण विद्यालय परिसर में गहरे गड्ढों में रहने वाले विषैले जीव-जंतु हैं, जैसे कि सांप और अन्य जहरीले जीव।

विद्यालय में प्रधानाध्यापक, तीन शिक्षक और एक शिक्षा मित्र के बावजूद, बच्चों की संख्या 48 से घटकर 25 हो गई है।

जमीन में धंसने लगा विद्यालय का फर्श

विद्यालय की दीवारें चटकी हुई हैं और स्कूल का पानी पीने का स्थान बेहद गंदा है। स्कूल के कार्यालय में कबाड़ का ढेर लगा हुआ है और विद्यालय की स्थिति में कोई सुधार नहीं हुआ है।

See also  आगरा में प्रतिभावान क्रिकेट खिलाड़ियों को खेल सामग्री वितरित

धराशायी होने के कगार पर विद्यालय की दीवाल में पड़ी दरार

जबकि प्रधानाध्यापक और अन्य शिक्षकों ने इस समस्या के बारे में अधिकारियों को बार-बार सूचित किया है।

आगरा जिले में बीएसए द्वारा गोद लिए गए विद्यालय की समस्याओं को लेकर कई बार अवगत कराया गया, लेकिन अभी तक कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया है। बीएसए ने पिछले 6 महीनों में विद्यालय का दौरा किया था, लेकिन समस्याएं जस की तस बनी रहीं। यह स्थिति स्पष्ट रूप से दर्शाती है कि अधिकारी केवल कागजों में ही अपनी जिम्मेदारियों को पूरा कर रहे हैं।

अग्र भारत यह सवाल उठाता है कि जब इस प्रकार के समस्याओं से ग्रस्त विद्यालय में कोई अनहोनी घटेगी, तो उसकी जिम्मेदारी कौन लेगा?

See also  बड़ी घोषणाएं: दिल्ली में 15 साल पुराने वाहनों पर प्रतिबंध और इलेक्ट्रिक बसों की ओर कदम

आगरा में शिक्षा का अधिकार एक्ट की धज्जियाँ: क्रिमसन वर्ल्ड स्कूल द्वारा एलकेजी छात्रा को स्कूल से निकाला

आगरा: बेसिक शिक्षा विभाग: भ्रष्टाचार की गुफा?, बाबुओं के रसूख के आगे अधिकारियों के आदेश हुए बौने, नियमों को धता बताते रहे

See also  दलित बच्चों से झाड़ू लगवाने के मामले में हेड मास्टर पर कार्रवाई नहीं, जांच पर उठे सवाल
Share This Article
1 Comment