आगरा: रेरा (रियल एस्टेट रेगुलेटरी अथॉरिटी) के बकाएदार बिल्डर शैलेंद्र अग्रवाल को आज एक बड़ी कार्रवाई के तहत हवालात भेजा गया। उप जिलाधिकारी सदर के निर्देशन में चल रहे वसूली अभियान के तहत यह गिरफ्तारी की गई। शैलेंद्र अग्रवाल पर रेरा से संबंधित विभिन्न देयों के मामले में बकाया धनराशि की वसूली की जा रही थी, जिसमें कुल बकाया रकम ₹26,06,30,563/- है।
बकाएदार कंपनियों पर की गई कार्रवाई
आगरा के निखिल होम्स प्रा. लि. और मॉ मंशा देवी सहकारी आवास समिति लिमिटेड के खिलाफ यह कार्रवाई की गई। इन कंपनियों पर बकाए की वसूली के लिए 39 मांग पत्र जारी किए गए थे, जिनकी राशि करोड़ों में है। इन कंपनियों के खिलाफ प्रशासन द्वारा पहले भी कई बार नोटिस जारी किए गए थे, लेकिन कोई समाधान नहीं निकला। इसी कड़ी में प्रशासन ने अचल संपत्ति की कुर्की भी की थी, जिसे 23 अक्टूबर 2024 को नीलामी के लिए रखा गया था। हालांकि, नीलामी में कोई बोलीदाता नहीं आया और आपत्तियां भी प्राप्त हुईं, जिसके कारण नीलामी की कार्यवाही स्थगित कर दी गई।
गिरफ्तारी और वसूली की प्रक्रिया
तहसीलदार सदर अविचल प्रताप सिंह के नेतृत्व में टीम द्वारा विशेष प्रयास किए गए, और शैलेंद्र अग्रवाल को गिरफ्तार कर कानूनी औपचारिकताएं पूरी की गईं। गिरफ्तारी के बाद उन्हें हवालात भेज दिया गया। इस वसूली अभियान के दौरान तहसीलदार एत्मादपुर मान्धाता प्रताप सिंह और उनकी टीम का भी सहयोग प्राप्त हुआ। टीम में नायब तहसीलदार सुधीर गिरि और अन्य अमीन भी शामिल थे।
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वसूली अभियान का विस्तार
उप जिलाधिकारी सदर, आगरा, श्री सचिन राजपूत के मार्गदर्शन में रेरा के लंबित वसूली प्रमाण पत्रों की समीक्षा की जा रही है, और इस वसूली अभियान को जिले भर में फैलाया गया है। जिलाधिकारी के निर्देश पर और अपर जिलाधिकारी (वि./रा.) के मार्गदर्शन में यह अभियान लगातार जारी रहेगा। इस अभियान के तहत सभी बकाएदार बिल्डरों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी और वसूली की प्रक्रिया को तेज किया जाएगा।
तहसीलदार सदर, आगरा (अविचल प्रताप सिंह) ने कहा कि शैलेंद्र अग्रवाल की गिरफ्तारी केवल शुरुआत है। अन्य बड़े बकाएदारों पर भी कार्रवाई की जाएगी और वसूली अभियान सख्ती से चलाया जाएगा। प्रशासन का यह कदम रेरा से संबंधित लंबित देयों की वसूली को लेकर एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर साबित हो सकता है।
यह वसूली अभियान प्रशासन के लिए एक महत्वपूर्ण कदम है, जो न केवल रेरा के बकाएदारों के खिलाफ कार्रवाई का प्रतीक है, बल्कि यह पूरी प्रक्रिया को पारदर्शी और प्रभावी बनाने की दिशा में भी एक मजबूत प्रयास है।