अयोध्या: उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने श्रीराम जन्मभूमि पर प्रभु रामलला के भव्य मंदिर के निर्माण के एक वर्ष पूरे होने पर आयोजित प्रतिष्ठा द्वादशी कार्यक्रम में भाग लिया। इस अवसर पर उन्होंने राम मंदिर के महत्व, संघर्षों, और रामजन्मभूमि आंदोलन के संघर्षों को लेकर अपने विचार व्यक्त किए।
सत्य एक दिन उजागर होता है: सीएम योगी
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अपने संबोधन में कहा, “सत्य को अधिक दिनों तक धुंधला करके कोई नहीं रख सकता है। सत्य एक दिन उजागर होता है। आज हम सब देख रहे हैं कि दुनिया भर से लोग अयोध्या आकर प्रभु रामलला के भव्य मंदिर को देख रहे हैं। यह मंदिर न केवल हमारी संस्कृति और सभ्यता का प्रतीक है, बल्कि लोकतांत्रिक और संविधानिक तरीके से अपने अधिकारों की प्राप्ति का संदेश भी है।”
उन्होंने आगे कहा कि श्रीराम जन्मभूमि मंदिर का निर्माण लाखों हिंदू भक्तों के बलिदान और संघर्षों का परिणाम है। इसके साथ ही यह मंदिर अयोध्या और देशभर के लिए एक नई प्रेरणा का स्रोत बनेगा।
रामलला की प्राण-प्रतिष्ठा की वर्षगांठ पर विशेष कार्यक्रम
योगी आदित्यनाथ ने श्रीराम जन्मभूमि मंदिर में भगवान श्रीरामलला के श्रीविग्रह की प्राण-प्रतिष्ठा के पहले वर्षगांठ के अवसर पर आयोजित प्रतिष्ठा द्वादशी कार्यक्रम में दीप प्रज्ज्वलन और पुष्पांजलि अर्पित की। इस अवसर पर उन्होंने शरणागत अशोक सिंहल को श्रद्धांजलि अर्पित की, जिनका योगदान राम मंदिर आंदोलन में अमूल्य था।
अयोध्या में बदलाव की प्रक्रिया
मुख्यमंत्री ने अयोध्या के बदलते रूप को भी साझा किया। उन्होंने कहा, “आज अयोध्या का रूप बदल चुका है। जहां पहले बमुश्किल तीन-चार घंटे बिजली मिलती थी, वहीं अब अयोध्या में एक इंटरनेशनल एयरपोर्ट है। सड़कें चारलेन और सिक्सलेन हो चुकी हैं, और राम की पैड़ी में सरयू जी का जल अब सड़ता नहीं है।”
योगी आदित्यनाथ ने कहा कि अयोध्या अब एक नई पहचान के साथ उभर रही है। “यह नए भारत का नया उत्तर प्रदेश है, और नई अयोध्या पूरे देश को अपने साथ जोड़ रही है।”
राम मंदिर आंदोलन की अविरल परंपरा
मुख्यमंत्री ने राम मंदिर आंदोलन के संघर्षों को याद करते हुए कहा कि यह आंदोलन एक विशाल संघर्ष का हिस्सा था, जो 1528 से लेकर 1992 तक निरंतर जारी रहा। उन्होंने कहा कि इस आंदोलन में अनगिनत रामभक्तों और संतों ने संघर्ष किया, और उनका एक ही उद्देश्य था – राम मंदिर का निर्माण होना चाहिए।
उन्होंने गोरक्षपीठाधीश्वर के उद्धारण के साथ कहा कि कई पीढ़ियां इस आंदोलन के साथ जुड़ी रही और संघर्ष करती रहीं। उन्होंने याद किया कि 2014 में पूज्य गुरुदेव की अंतिम बातचीत में अशोक सिंहल जी से राम मंदिर के बनने की बात हुई थी और यह विश्वास था कि राम मंदिर बनेगा।
न्यायपालिका का महत्वपूर्ण योगदान
मुख्यमंत्री ने 9 नवंबर 2019 को न्यायपालिका द्वारा रामजन्मभूमि के पक्ष में दिए गए फैसले को भी याद किया। उन्होंने कहा कि इसी फैसले के बाद मंदिर के निर्माण का मार्ग प्रशस्त हुआ, और 5 अगस्त 2020 को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने राम मंदिर के निर्माण कार्य की शुरुआत की। 22 जनवरी 2024 को पीएम मोदी ने रामलला को उनकी जन्मभूमि में प्रतिष्ठित किया, और यह सब कुछ लाखों भारतीयों के संघर्ष और संकल्प का परिणाम था।
अयोध्या में बढ़ती श्रद्धालुओं की संख्या
मुख्यमंत्री ने बताया कि श्रीराम जन्मभूमि मंदिर में रोजाना औसतन डेढ़ से दो लाख श्रद्धालु आते हैं, जो मंदिर की बढ़ती लोकप्रियता और श्रद्धा को दर्शाता है। उन्होंने कहा कि 10 साल पहले, कोई भी नहीं सोच सकता था कि अयोध्या को यह सम्मान मिलेगा। आज अयोध्या एक विश्व प्रसिद्ध तीर्थ स्थल के रूप में उभर कर सामने आ रही है।
आगे की राह: अयोध्या और राम मंदिर
मुख्यमंत्री ने कहा कि आने वाले वर्षों में श्रीराम जन्मभूमि परिसर और भव्य रूप में होगा, जो दुनिया का सबसे सुंदर और आध्यात्मिक स्थल बनेगा। इस मंदिर का निर्माण ना केवल धार्मिक दृष्टिकोण से महत्वपूर्ण है, बल्कि यह एक प्रतीक है कि संघर्ष और धैर्य के साथ हम अपने अधिकार प्राप्त कर सकते हैं।
राष्ट्रीय एकता की कड़ी
मुख्यमंत्री ने यह भी कहा कि राष्ट्रीय एकता की कड़ी मजबूत करना हम सभी की जिम्मेदारी है। उन्होंने कहा, “राम हैं तो राष्ट्र है, राष्ट्र है तो राम हैं।” इस उद्धारण के साथ उन्होंने देशवासियों से एकजुट होने का आह्वान किया।
प्रयागराज महाकुंभ का निमंत्रण
अंत में मुख्यमंत्री ने आगामी प्रयागराज महाकुंभ का जिक्र किया और सभी से महाकुंभ में भाग लेने का आग्रह किया। उन्होंने कहा कि यह महाकुंभ अयोध्या की तरह ही भव्य और दिव्य होगा, और यह सनातन धर्म के गौरव को और बढ़ाएगा।
मुख्यमंत्री के साथ कार्यक्रम में शामिल नेता:
इस कार्यक्रम में मुख्यमंत्री के साथ महंत दिनेंद्र दास जी महाराज, धर्मदास जी महाराज, श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र न्यास के महामंत्री सचिव चंपत राय, विहिप के केंद्रीय पदाधिकारी दिनेश, कैबिनेट मंत्री सूर्यप्रताप शाही, महापौर गिरीशपति त्रिपाठी, और अन्य प्रमुख नेताओं की उपस्थिति रही।
मुख्यमंत्री ने हनुमानगढ़ी में भी किया दर्शन-पूजन
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने लखनऊ जाने से पहले संकटमोचन हनुमानगढ़ी के दरबार में भी दर्शन किए और विधिवत पूजा-अर्चना करते हुए प्रदेशवासियों के सुखमय जीवन की प्रार्थना की।