आगरा। गुरुवार को आगरा के होटल कोर्टयार्ड बाई मैरियट में दीन दयाल उपाध्याय ग्रामीण कौशल्य योजना एवं रूरल सेल्फ इम्प्लायमेंट ट्रेनिंग इंस्टीट्यूट 2.0 के एक्शन प्लान के निर्धारण हेतु दो दिवसीय (30 एवं 31 जनवरी 2025) क्षेत्रीय कार्यशाला का आयोजन किया गया। इस कार्यशाला में उत्तर प्रदेश सहित अन्य आठ राज्यों—जम्मू और कश्मीर, हिमाचल प्रदेश, राजस्थान, हरियाणा, पंजाब, उत्तराखंड, लद्दाख और उत्तर प्रदेश—के 100 से अधिक अधिकारियों एवं विषय विशेषज्ञों ने प्रतिभाग किया।
कार्यशाला का मुख्य उद्देश्य सम्पूर्ण देश के युवाओं को आधुनिक एवं रोजगारपरक प्रशिक्षण प्रदान कर उनकी कौशल क्षमता को बढ़ाना और उन्हें स्वरोजगार/रोजगार प्राप्त करने में सक्षम बनाना है। इस आयोजन के माध्यम से योजना को और बेहतर बनाने के लिए विचार-विमर्श किया जा रहा है।
मुख्य अतिथि का मार्गदर्शन
कार्यशाला के पहले दिन के सत्र की अध्यक्षता पंकज यादव, संयुक्त सचिव, ग्रामीण विकास मंत्रालय, भारत सरकार ने की। उन्होंने दीन दयाल उपाध्याय ग्रामीण कौशल्य योजना के 2025-26 में लागू होने के सभी पहलुओं पर विस्तार से जानकारी दी। उन्होंने बताया कि भारत सरकार के ग्रामीण विकास मंत्रालय द्वारा इस योजना से संबंधित सभी घटकों के लिए राज्यों द्वारा किए जा रहे प्रयासों और सुझावों पर मार्गदर्शन प्रदान किया जाएगा।
पंकज यादव ने कहा, “यह योजना हमारे ग्रामीण युवाओं को रोजगार के बेहतर अवसर प्रदान करने के लिए बनाई गई है। इसका उद्देश्य उन्हें नई तकनीकी और कौशल के माध्यम से आत्मनिर्भर बनाना है।”
कार्यशाला का उद्देश्य और गतिविधियाँ
दीन दयाल उपाध्याय ग्रामीण कौशल्य योजना का उद्देश्य ग्रामीण क्षेत्रों में रोजगार सृजन और स्वरोजगार को बढ़ावा देना है। कार्यशाला में इसके नए संस्करण 2.0 को लागू करने के लिए रणनीतियों पर चर्चा की गई। इसमें प्रशिक्षण के विभिन्न मॉड्यूल्स, प्रशिक्षकों की गुणवत्ता, और प्रशिक्षण संस्थानों की भूमिका पर विचार विमर्श किया गया।
कार्यशाला में श्री अभिषेक सिंह, मिशन निदेशक, उ.प्र. कौशल विकास मिशन ने भी अपनी बातें साझा की। उन्होंने कहा, “हमारा लक्ष्य युवाओं को आत्मनिर्भर बनाना है, ताकि वे रोजगार के अवसरों से जुड़ सकें और आर्थिक विकास में योगदान दे सकें।”
उपस्थित अधिकारियों और विशेषज्ञों की भागीदारी
इस कार्यशाला में 100 से अधिक अधिकारी और विशेषज्ञ उपस्थित थे, जिन्होंने दीन दयाल उपाध्याय ग्रामीण कौशल्य योजना के विभिन्न पहलुओं पर अपने विचार साझा किए। कार्यशाला में समग्र कौशल विकास, प्रशिक्षण मॉड्यूल्स की गुणवत्ता, और युवाओं के लिए रोजगार के अवसरों पर गहन चर्चा की गई।
ग्रामीण विकास मंत्रालय के अधिकारियों ने इस योजना के संचालन से जुड़े महत्वपूर्ण मुद्दों पर चर्चा की और राज्य सरकारों द्वारा किए गए प्रयासों और सुधारों पर विचार किया। इस दौरान विभिन्न राज्यों के अधिकारियों ने अपनी-अपनी चुनौतियों और समाधान पर भी चर्चा की, ताकि योजना को अधिक प्रभावी बनाया जा सके।
दीन दयाल उपाध्याय ग्रामीण कौशल्य योजना की इस दो दिवसीय कार्यशाला ने युवाओं के कौशल विकास और उन्हें रोजगार से जोड़ने के लिए एक महत्वपूर्ण मंच प्रदान किया है। इस योजना का नया संस्करण 2.0 ग्रामीण क्षेत्रों में व्यापक स्तर पर रोजगार सृजन की दिशा में अहम कदम साबित होगा। कार्यशाला में दिए गए मार्गदर्शन और सुझावों को ध्यान में रखते हुए, अगले कुछ महीनों में इसे लागू करने के लिए ठोस कदम उठाए जाएंगे।