UP Crime News: हरदोई, उत्तर प्रदेश: उत्तर प्रदेश के हरदोई जिले के पाली और सवायजपुर थाना पुलिस ने एक चौंकाने वाली अपहरण की साजिश का खुलासा किया है। दरअसल, एक युवक ने खुद के अपहरण का झांसा देकर अपने परिवार को गुमराह करने की कोशिश की थी, लेकिन पुलिस ने त्वरित कार्रवाई करते हुए चंद घंटों में इस साजिश का पर्दाफाश कर दिया। युवक ने अपहरण का नाटक कर पैसे मांगने के लिए यह साजिश रची थी, लेकिन इसके पीछे की वजह बेहद चौंकाने वाली थी।
क्या था मामला?
घटना के बारे में जानकारी देते हुए पुलिस अधीक्षक नीरज कुमार जादौन ने बताया कि संजय कुमार, जो पिहानी थाना क्षेत्र के बंदरहा गांव का निवासी है, ने रविवार रात को पुलिस को सूचना दी। संजय ने बताया कि उसका भाई संदीप कुमार पाली थाना क्षेत्र के एक गन्ना तौल केंद्र पर पिछले एक महीने से काम कर रहा था, और किसी ने उसका अपहरण कर लिया है। इसके साथ ही संदीप की रस्सी से बंधी हुई तस्वीर और वीडियो व्हाट्सएप पर भेजी गई थी। उस वीडियो में संदीप को बंधक बनाए जाने की धमकी दी गई थी, और इसके बदले में परिवार से पैसे भेजने की मांग की गई थी। अपहरणकर्ताओं ने यह भी धमकी दी थी कि अगर पैसे नहीं भेजे गए, तो संदीप की हत्या कर दी जाएगी।
पुलिस का त्वरित एक्शन और खुलासा
पुलिस अधीक्षक नीरज कुमार जादौन ने मामले को गंभीरता से लिया और इस पर तत्काल कार्रवाई शुरू की। उन्होंने पाली थाना और सवायजपुर कोतवाली पुलिस की टीमों को अपहृत युवक की सकुशल बरामदगी के लिए निर्देशित किया। पुलिस ने जांच शुरू की और चंद घंटों में ही संदीप कुमार को रूपापुर क्षेत्र से सकुशल बरामद कर लिया। इसके साथ ही उसका मोबाइल भी बरामद कर लिया गया।
संदीप ने किया चौंकाने वाला खुलासा
पुलिस ने संदीप से पूछताछ की तो उसने सच्चाई का खुलासा किया। संदीप ने बताया कि शाहाबाद-आंधी मार्ग पर एक बुजुर्ग व्यक्ति के साथ उसकी मोटरसाइकिल की टक्कर हो गई थी, जिससे वह घायल हो गया था। घायल बुजुर्ग के इलाज के लिए उसे पैसे की जरूरत थी, लेकिन उसके पास पैसे नहीं थे। इसलिए, उसने खुद के अपहरण की झूठी साजिश रचने का प्लान बनाया। संदीप ने खुद ही अपने पैरों को बांधकर वीडियो बनाया और फिर अपने भाई संजय को पैसे भेजने के लिए व्हाट्सएप पर संदेश भेजा।
पुलिस कार्रवाई और आगे की योजना
इस घटनाक्रम का खुलासा करने वाली टीम में पाली थाना के उप निरीक्षक आशीष त्यागी, सवायजपुर थाना के उप निरीक्षक शिव शंकर मिश्रा, कांस्टेबल सौरभ और मुनेंद्र सिंह शामिल थे। पुलिस ने संदीप के खिलाफ कार्रवाई की तैयारी शुरू कर दी है। संदीप की इस झूठी साजिश से यह भी स्पष्ट हो गया कि किस तरह कुछ लोग अपनी गलतफहमियों और जरूरतों के चलते गंभीर अपराधों की साजिश रच सकते हैं।
सीख और सावधानी
यह घटना एक सबक है कि हमें अपने आसपास की गतिविधियों पर सतर्क रहने की जरूरत है। ठगी और अपराध की घटनाएं अब नए-नए तरीकों से सामने आ रही हैं, जहां लोग किसी भी स्तर तक जा सकते हैं। हमें पुलिस की मदद से इन घटनाओं को समय रहते रोकने के प्रयास करने चाहिए। अगर कभी किसी ऐसे मामले का सामना हो, तो हमें तुरंत पुलिस से संपर्क करना चाहिए और स्थिति को स्पष्ट रूप से बताना चाहिए।