लखनऊ: भारतीय विदेश सेवा (आईएफएस) की एक अधिकारी निहारिका सिंह और उनके पति अजीत गुप्ता पर गंभीर आरोप लगे हैं। लखनऊ के एक डॉक्टर दंपति ने इन दोनों पर 1.86 करोड़ रुपये की ठगी का आरोप लगाते हुए गोमतीनगर कोतवाली में मुकदमा दर्ज कराया है।
क्या है पूरा मामला?
पीड़ित डॉक्टर दंपति, शैलेश अग्रवाल और मृदुला अग्रवाल का कहना है कि उनकी मुलाकात निहारिका सिंह से 2016 में हुई थी। निहारिका सिंह अपनी बेटी का इलाज कराने उनके क्लीनिक पर आती थीं। इसी दौरान उन्होंने डॉक्टर दंपति को अपनी कंपनी ‘अनी बुलियन ट्रेडर्स’ और ‘आई विजन इंडिया क्रेडिट कोआपरेटिव सोसायटी’ में निवेश करने के लिए राजी किया। निहारिका सिंह ने दावा किया कि इस निवेश पर उन्हें बहुत अच्छा मुनाफा होगा।
डॉक्टर दंपति निहारिका सिंह के भरोसे आ गए और उन्होंने अपनी कंपनी में 1.22 करोड़ रुपये का निवेश किया। उनकी पत्नी मृदुला अग्रवाल ने भी 64.63 लाख रुपये का निवेश किया। कुछ समय बाद उन्हें पता चला कि अजीत गुप्ता को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है। इसके बाद निहारिका सिंह से जब पैसे वापस मांगे गए तो उन्होंने अजीत के जेल से बाहर आने के बाद पैसे वापस करने का आश्वासन दिया।
पुलिस ने शुरू की जांच
गोमतीनगर कोतवाली के इंस्पेक्टर राजेश त्रिपाठी ने बताया कि डॉक्टर दंपति की शिकायत के आधार पर पुलिस ने मामला दर्ज कर लिया है और जांच शुरू कर दी है। पुलिस इस मामले में निहारिका सिंह और अजीत गुप्ता से पूछताछ करेगी।
क्या हैं इस मामले के मायने?
यह मामला कई सवाल खड़े करता है। क्या एक आईएफएस अधिकारी इस तरह के धोखे में शामिल हो सकती है? क्या डॉक्टर दंपति को इतनी बड़ी रकम निवेश करने से पहले इसकी जांच नहीं करनी चाहिए थी? इस मामले से यह भी पता चलता है कि निवेश करने से पहले पूरी जानकारी जुटा लेना कितना जरूरी है।
आगे क्या होगा?
इस मामले का आगे क्या होगा, यह देखना बाकी है। पुलिस जांच के बाद ही पता चलेगा कि आखिर इस मामले में क्या सच है।