UP News: फरीदपुर के इंस्पेक्टर रामसेवक ने भी तस्करों के सामने पुलिस की इज्जत गिरवी रखी, स्मैक माफिया के लिए मुखबिरी करता था

MD Khan
By MD Khan
3 Min Read

UP News: फतेहगंज पश्चिमी के पूर्व इंस्पेक्टर मनोज कुमार सिंह की तरह, फरीदपुर के इंस्पेक्टर रामसेवक ने भी तस्करों के सामने खाकी को गिरवी रख दिया। मनोज कुमार सिंह की राह पर चलते हुए, रामसेवक तस्करों के लिए मुखबिरी करता था, उनकी हर गतिविधि की जानकारी वाट्सएप पर देता और अधिकारियों के मूवमेंट्स से तस्करों को अवगत कराता था। इस कारण तस्कर बेखौफ हो गए थे।

बरेली । UP News: बरेली समाचार: पुलिस और तस्करों के रिश्ते कोई नई बात नहीं है। अक्सर पुलिसकर्मी तस्करों के संपर्क में होते हैं और उनका नेटवर्क थानों में गहराई तक फैला होता है। इस मुद्दे की गंभीरता को समझने के लिए, एक साल पहले की घटनाओं पर ध्यान देना आवश्यक है। 22 अगस्त 2023 को, फतेहगंज पश्चिमी के तत्कालीन इंस्पेक्टर मनोज कुमार सिंह, हेड कांस्टेबल अनिल कुमार प्रेमी, बाबर, सिपाही दिलदार, मुनव्वर आलम, हर्ष चौधरी, और हरीश कुमार को स्मैक तस्करों के साथ संलिप्तता और मदद के आरोप में निलंबित कर दिया गया था।

See also  Agra News: खनन विभाग ने अवैध खनन में 11 वाहनों को किया सीज, उपखनिज गिट्टी, स्टोन डस्ट भरे थे वाहन

तत्कालीन एसएसपी घुले सुशील चंद्रभान की गोपनीय जांच में पता चला था कि ये सभी पुलिसकर्मी तस्करों के लिए काम कर रहे थे। इंस्पेक्टर मनोज कुमार सिंह ने तस्करों से वाट्सएप पर बातचीत की और वांछित आरोपितों की गिरफ्तारी के लिए टीमों के आने पर मुखबिरी की। तस्करों को प्राथमिकी की कॉपी भी वाट्सएप पर उपलब्ध कराई जाती थी। ठीक इसी तरह, फरीदपुर के निलंबित और भ्रष्टाचार के आरोपी इंस्पेक्टर रामसेवक ने भी दो स्मैक तस्करों को सात लाख रुपये लेकर छोड़ दिया।

रामसेवक के कमरे की तलाशी में नौ लाख 96 हजार रुपये बरामद हुए। एसपी दक्षिणी की जांच में पता चला कि हेड कांस्टेबल रिजवान, नीरज, एहसान, सौरभ कुमार, और कृष्णा कुमार भी इंस्पेक्टर के सहयोगी के रूप में काम कर रहे थे। इन पांचों को भी निलंबित कर दिया गया। दारोगा जावेद अली और सिपाही अतुल वर्मा की भूमिका संदिग्ध पाई गई, जिसके बाद उन्हें लाइन हाजिर कर दिया गया।

See also  अनदेखी:नॉन एचआरए से एचआरए विद्यालय भेजे गए शिक्षकों के निरस्तीकरण में खेल

जांच के दौरान यह भी सामने आया कि तस्करों का नेटवर्क थाना, चौकी, सर्विलांस, और एसओजी तक फैला हुआ था। तस्करों को हर कार्रवाई और पर्चे की जानकारी उनके वाट्सएप पर मिल जाती थी, जिससे वे हर पुलिस कार्रवाई से पूर्व अवगत होते थे। हेड कांस्टेबल अनिल कुमार प्रेमी एसओजी में तैनात था, जबकि हेड कांस्टेबल बाबर शेरगढ़, सिपाही दिलदार, मुनव्वर आलम सीबीगंज और हर्ष चौधरी मीरगंज थाने में तैनात थे। अनिल कुमार प्रेमी पहले शाहजहांपुर और हरदोई में भी एसओजी का हिस्सा था और बरेली पहुंचते ही एसओजी में शामिल हो गया था।

See also  कप्तान की चली तबादला एक्सप्रेस- 20 इंस्पेक्टर किये इधर से उधर
Share This Article
Leave a comment