नगर पालिका ने बिना बोर्ड की स्वीकृति के करोड़ों रुपये के काम कराए!
बैठक के दौरान सभासदों ने आरोप लगाया कि नगर पालिका प्रशासन ने बिना बोर्ड की स्वीकृति के करोड़ों रुपये के काम कराए हैं। सभासदों का कहना था कि अगर बोर्ड की मंजूरी नहीं ली जा रही है, तो बैठक का कोई अर्थ नहीं है। इस पर सभासदों ने अपनी नाराजगी जताते हुए बैठक में जमकर हंगामा किया। वे यह भी कहते हैं कि बिना बोर्ड की मंजूरी के काम करना भ्रष्टाचार को बढ़ावा देने जैसा है।
अलाव जलाने और अधिकारियों की कार्यशैली पर सवाल
बैठक में सभासदों ने शहर के मुख्य चौराहों और बाजारों में अलाव न जलाने की भी शिकायत की। साथ ही, नगर पालिका अधिकारियों की कार्यशैली पर भी सवाल उठाए। एक सभासद ने तो यह तक आरोप लगाया कि नगर पालिका के अधिकारी उनका फोन तक नहीं उठाते, जिससे क्षेत्र की समस्याओं का समाधान नहीं हो पा रहा है। सभासदों के इन आरोपों के बीच बैठक का माहौल और भी तनावपूर्ण हो गया और आपसी कहासुनी भी बढ़ गई।
महत्वपूर्ण प्रस्तावों पर पारित हुआ फैसला
हंगामे के बावजूद नगर पालिका बोर्ड की बैठक में कई महत्वपूर्ण प्रस्तावों पर मंजूरी दी गई। जिन प्रस्तावों पर चर्चा की गई, उनमें प्रमुख थे:
- गेट एंट्री, यूटिलिटी, एलईडी और विज्ञापन ठेके की स्वीकृति।
- 75 स्थलों पर अलाव जलाने के लिए लकड़ी की आपूर्ति।
- सफाई कर्मचारियों को गर्म वर्दी उपलब्ध कराना।
- 35 वार्डों में जीआईएस सर्वे कराना।
- कावड़ यात्रा और मुख्यमंत्री सामूहिक विवाह योजना के लिए टेंट व्यवस्था।
- बंदर पकड़ने और कंबल वितरण के लिए वित्तीय स्वीकृति।
- विभिन्न स्थानों पर सड़क और पुलिया निर्माण कार्य के प्रस्ताव।
इस बैठक के दौरान उठे आरोपों और हंगामे ने नगर पालिका प्रशासन के कार्यों पर सवालिया निशान खड़ा किया है। सभासदों के आरोपों के बाद नगर पालिका प्रशासन को अपनी कार्यशैली पर पुनर्विचार करने की आवश्यकता महसूस हो रही है। बैठक के बाद प्रशासन ने इन मुद्दों पर विचार करने का आश्वासन दिया है, लेकिन देखना यह होगा कि क्या आरोपों की जांच की जाती है या यह सिर्फ एक राजनीतिक मुद्दे के रूप में रह जाता है।